हिमाचल/शिमला:
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा से पहले 6 बागी हुए कांग्रेसी विधायकों की सदस्यता खत्म हुई. इसके बाद प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. अब सभी 9 नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं. लेकिन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार न होना इस घटनाक्रम का दिलचस्प पहलू बना हुआ है. अब इसको लेकर नियमों के साथ-साथ राज भवन का क्या रुख है.
हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफा दिया है। मुझे भी तीनों निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे की प्रति दी थी।
मैंने पत्र लिया और उनके पत्र को अध्यक्ष को भेज दिया। उन्होंने कहा कि तीनों विधायक राजभवन से हस्तक्षेप चाहते थे, लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते।
हमने कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर पत्र आगे विधानसभा स्पीकर को भेजा। इस पूरे मसले पर विधानसभा अध्यक्ष को ही आखिरी फैसला लेना है। अगर विधायक खुद इस्तीफा दें, तो स्वीकार करना ही पड़ता है। राज्यपाल ने कहा हमारे बीच पत्राचार हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं दे सकते। विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय पर राजभवन का अधिकार नहीं है। नियमों के मुताबिक वे काम करते हैं, अगर त्रुटि हो, तो विधायक कोर्ट भी जा सकते हैं। इस पूरे मामले में राजभवन की कोई भूमिका नहीं है। साथ ही राज्यपाल ने महिलाओं को लेकर नेताओं की अभद्र टिप्पणी पर दिया बयान है। उन्होंने कहा महिलाएं समाज का अभिन्न अंग, नेताओं को इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिएं।