शहीद जवानों की मौत का जश्न मनाने वाले एक के बाद एक मुस्लिम छात्र पकड़े जा रहे हैं.एक बार फिर साबित हो गया की इन लोगों के दिलों में भारत और भारतीय सेना के लिए कितनी नफरत भरी हुई है.पुलवामा आतंकी हमले का कथित तौर पर समर्थन करते हुए वाट्सएप संदेश भेजने वाले एक कश्मीरी छात्र को देहरादून में गिरफ्तार किया गया है.
कश्मीरी छात्र ने व्हाट्सएप पर जो संदेश साझा किया था, उसकी वजह से तनाव पैदा हुआ और हिंदू संगठनों ने विश्वविद्यालय का घेराव किया और छात्र की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. देहरादून के निजी विश्वविद्यालय ने छात्र को निलंबित कर दिया।देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती से जब यह पूछा गया कि क्या देहरादून के मकान मालिक समाज के एक वर्ग के दबाव में हैं कि वे कश्मीरी छात्रों को किरायेदार नहीं रखें तो उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें हैं लेकिन कोई औपचारिक शिकायत अभी नहीं मिली है.इससे पहले अलग अलग राज्यों में इस तरह के गद्दारों के खिलाफ करवाई की गयी है !
उन्होंने कहा कि शहर के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि परिसरों और हॉस्टलों के बाहर पर्याप्त संख्या में पुलिस तैनात हैं. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि देहरादून की पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को आश्वस्त किया है कि वह कश्मीरी छात्रों के प्रतिनिधि के साथ संपर्क में हैं और देहरादून में उनकी सुरक्षा के हर तरह के इंतजाम किए गए हैं.
लेकिन हम तो एक सवाल यहां उठा रहे है की ऐसे देशद्रोही छात्रों को क्यों प्रदेश अलग अलग राज्यों में रखा जाये। वाट्सएप संदेश में कश्मीरी छात्र ने पुलवामा के नृशंस हमले की तुलना ऑनलाइन गेम पबजी के साथ की थी. पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है. छात्र का अभी तक पता नहीं चल पाया है. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.