इमरान खान के प्रधान मंत्री बनने के बाद उनके पाकिस्तान सेना की कठपुतली होने जो कयास थे वो सही पाए गए हैं – शायद उस से भी अधिक...जो हमने सोचा भी न हो…इसके अलावा उन्हें चीनी सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था। चुनाव अभियान के दौरान। यही कारण है कि आज तक ये पाकिस्तान के सबसे महंगे चुनाव थे। तो पाकिस्तान में चीन की शक्ति भी बढ़ने जा रही है क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने में उनकी मदद की है। इतना तो तय है की इमरान खान वह पाकिस्तानी सेना और चीन अजेंडे के तहत काम करने जा रहा है..
भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को आशंका व्यक्त की कि पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ युद्ध कर सकता है वो आज सच साबित होता दिख रहा है । उन्होंने क्रिकेट के नायक से बने राजनीतिज्ञ इमरान खान के पाकिस्तान के अगले प्रधान मंत्री के रूप में चुनाव का जिक्र किया। स्वामी ने कहा कि भारत को युद्ध के लिए तैयार होने और पाकिस्तान को चार में तोड़ने की जरूरत है।
पाकिस्तान में सेना अंतिम का सत्ता कण्ट्रोल सर्वविख्यात है और सत्ता में सेना ही मध्यस्थ है। इमरान खान इसे बहुत अच्छी तरह जानता है। वह सेना के एजेंडा से खुद को कभी को अलग नहीं करेगा….पर्दे के पीछे सेना का कण्ट्रोल उसके लिए राजनैतिक ऑक्सीजन होगा…दुनिया को अच्छा बनके दिखने के लिए वह बहुत प्रयास करेगा, पर सेना के घिनोने आतंकी इरादों को इमरान खान नज़रअंदाज़ करेगा…ये सोचना महज़ मज़ाक होगा, इमरान का वजूद ही सेना के कारन हुआ है…उसको जितवाना सेना के एजेंडा को आगे बढ़ाना है ताकि अच्छे की आयद में पूरे विश्व में पाकिस्तान की सॉफ्ट छवि तैयार हो और सेना कश्मीरियों की हितेषी बनके भारत में आतंक परोसने का कार्य करती रहे !
इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान उनमे गंभीर इलज़ाम लगा चुकी है …अगर आपको याद है, 2013 में, इमरान खान ने कहा कि नवाज शरीफ भी प्रतिष्ठान के संरक्षक थे, इसलिए वह अच्छे से समझते हैं की पाकिस्तान की सत्ता में सेना का क्या योगदान होता है। मुझे लगता है कि इस बार सैन्य प्रतिष्ठान इमरान खान के समर्थन में बहुत ही उद्देश्य से अपनी शक्ति दिखाना चाहता था। जब वे नवाज शरीफ ने खुद को जोर देना शुरू कर दिया, तो विशेष रूप से भारत नीति और चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर, और जब उन्होंने उन्हें जाने दिया। इमरान आदर्श की मात्र कठपुतली है। उन्हें कई जटिल मुद्दों का कोई राजनैतिक ज्ञान नहीं है, और वह अपनी अच्छेपन की मात्र मार्केटिंग करेंगे, असली काम सेना ही करेगी !
इमरान खान का भारत के साथ मात्र बतौर क्रिकेटर संबंध है …इन संबंधों को दोनों देशों के संबंध सुधरने का आधार माना जाए, पूर्ण रूप से मूर्खता होगी ! इमरान खान को वो काम करने ही पड़ेंगे जिसके लिए पाकिस्तानी सेना और चीन ने उसे जितवाया है, वरना इसका राजनैतिक वजूद कुछ नहीं बचेगा ! हाफिज सईद की तुलना में इमरान खान भारत के लिए अधिक खतरनाक है क्योंकि वह धन के लिए पश्चिम पर शासन करने वाले गिद्धों को गले लगाएगा…इसके अलावा खान पंजाब सुन्नी सेना के अपने स्वयं के अधिकार में एक प्रसिद्ध इस्लामवादी और कठपुतली है। गजवा ई हिंद हमेशा के रूप में जारी रहेगा क्योंकि पाकिस्तान सेना के बड़े एजेंडा में गज़वा इ हिन्द को बनाये रखना है, ये वो फार्मूला है जिसके तहत भारत में अस्थिरता लाइ जा सकती है…पाकिस्तानी सेना को मालूम है की मुसलमानो को एक खवाब दिखा के भारत के प्रति उदासीन करना बहुत आसान है और इसका एकमात्र उपाए गज़वा इ हिन्द होगा..जो की इमरान खान को सेना की शह पे हर कीमत पे चलाये रखना पड़ेगा. ध्यान रहे…इमरान खान पिछली सरकारों में सबसे खतरनाक साबित होने जा रहा है…उसकी दार्शनिक बातों पे ध्यान न देके हमे उसके पीछे छुपे सेना के आतंकी एजेंडा पे पैनी नज़र रखनी होगी !