मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आदेश के बाद जिला कांगड़ा को लॉकडाउन कर दिया गया है। जिला कांगड़ा देश के उन 75 जिलों में शुमार हो गया है, जहां पर कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार ने कोरोना प्रभावित जिलों में लॉकडाउन करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे जिले जहां या तो कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं या फिर वहां पर इस महामारी से किसी की मौत हुई है।
लॉकडाउन में लोगों को केवल अपने घरों में ही रहने के निर्देश दिए जाते हैं। वे केवल आवश्यक वस्तुओं की खरीद करने या जरूरी सेवाओं के लिए ही घरों से बाहर निकल पाते हैं। कांगड़ा जिला में भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इतिहास में प्रदेश में इस तरह की व्यवस्था पहली बार हुई है। कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ रविवार सुबह एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में सभी मुख्य सचिवों ने बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से जनता कर्फ्यू के आह्वान पर अच्छी प्रतिक्रिया है। कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार को शामिल करने की आवश्यकता के मद्देनजर यह सहमति हुई कि अंतरराज्यीय परिवहन बसों सहित गैर आवश्यक यात्री वाहनों के प्रतिबंधों को 31 मार्च तक बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने विस्तृत चर्चा करते हुए राज्य सरकारों को 75 जिलों में केवल आवश्यक सेवाओं को संचालित करने की अनुमति देने के लिए उचित आदेश जारी करने की सलाह दी, जिनके बारे में राज्य कोरोना वायरस से संबंधित पुष्ट मामलों या हताहतों की रिपोर्ट आई है।
उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों ने पहले ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं यह भी पिर्णय लिया है कि उप शहरी रेल सेवाओं सहित 31 मार्च तक सभी ट्रेन सेवाएं निलंबित हैं। हालांकि माल गाड़ियों को छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हो तो राज्य सरकारें 31 मार्च तक निलंबित की गई सभी मेट्रो रेल सेवाओं को जारी करने का आदेश दे सकती हैं।
केवल आवश्यक सेवाओं को लगभग 75 जिलों में संचालित होने वाले कारोना वायरस के मामलों की अनुमति है। अंतरराज्यीय परिवहन को भी 31 मार्च तक सस्पेंड किया जाना है। हिमाचल प्रदेश से भी अधिकारियों ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लिया और प्रदेश से स्थिति व तैयारियों की जानकारी दी।