शराब काण्ड को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इसको लेकर एक बार नहीं कई बार कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। जयराम ठाकुर ने दो टूक निर्देश देते हुए कहा है कि ये करवाई तक तक जारी रहनी चाहिए जब तक ये अवैध शराब माफिया हिमाचल से पूरी तरह खत्म ना हो जाए। जिस तरह की करवाई हिमाचल में अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ जयराम सरकार में चली हुई है आज से पहले किसी सरकार ने इतनी हिम्मत नहीं दिखाई। जबकि आज प्रदेश में बच्चे बच्चे को मालूम है कि ये शराब माफिया अचानक पैदा नहीं हुए वर्षों से ये प्रदेश में अपनी जड़े जमाये हुए थे।
जहरीली शराब मामले में सरकार ने जीरो टोलरेंस की नीति अख्तियार करते हुए अब दोषी अफसरों के खिलाफ भी करवाई शुरू कर दी है। तीन एक्साइज इंस्पेक्टरों को निलंबित करने के बाद अब सरकार ने सहायक आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी पर भी ड्यूटी में लापरवाही का ठीकरा फोड़ दिया है। सरकार ने चार असिस्टेंट कमिश्नर एक्साइज की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। इन चारों वरिष्ठ अधिकारियों को शीघ्र अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
जिन चार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें मंडी जिले के दो, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा जिले का एक-एक असिस्टेंट कमिश्नर शामिल हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इन चार असिस्टेंट कमिश्नरों को भी निलंबित कर सकती है। इससे पूर्व प्रदेश सरकार ने हमीरपुर के एक्साइज इंस्पेक्टर राजेश कुमार और कांगड़ा के दो एक्साइज इंस्पेक्टरों राम कुमार और राजीव को अपनी ड्यूटी का सही तरीके से निर्वहन न करने पर सस्पेंड कर उनकी शिमला मुख्यालय में तैनाती की है। अब असिस्टेंट कमिश्नर पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
जनवरी माह में मंडी जिले में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। गठन के तुरंत बाद एसआईटी ने हमीरपुर जिला के पन्याला में दबिश देकर अवैध शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। एसआईटी ने यहां 515 से अधिक शराब की पेटियां बरामद कर एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही एसआईटी ने हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा और सोलन जिले में भी बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद कर इस मामले में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया।
एक्साइज विभाग के खिलाफ कार्रवाई पर लोगों ने सरकार की प्रशंसा की है। जनता ये बोलती हुई नजर आ रही है कि पहली बार हिमाचल में किसी ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ करवाई करने की हिम्मत दिखाई है।