April 29, 2024 4:01 am

बच्चों के बीच पहुँचकर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं के संरक्षण को लेकर बोली कई अहम बातें,देखी बच्चों की प्रतिभा

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी बच्चों को लेकर हमेशा उत्साहित रहते हैं ।बच्चों से मिलना उनसे बातें करना ये सब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की कार्यशैली का हिस्सा शुरू से रहा है।आज भी बच्चों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री जी ने अपने संबोधन में बहुत ज्ञान भरी बातें बच्चों के बीच रखी। आधुनिकतावाद की इस दौड़ के बीच शिक्षा, विशेषकर वैज्ञानिक शिक्षा को युवाओं के सम्पूर्ण विकास के लिए विशेष प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।

यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां सरस्वती विद्या मन्दिर, विकासनगर में हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय ज्ञान-विज्ञान मेले की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मानवता की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति और निजी प्रशिक्षण की नींव है। उन्होंने कहा कि सच्ची नैतिकता, आध्यात्मिक वास्तविकता को लेकर जागरूकता में निहित है, जिसके लिए अनुशासित जीवन, एक सदाचारी और उपयोगी जीवन की अनिवार्यता रहती है, जो निःस्वार्थ सेवा के लिए समर्पित रहता है।

भारतीय गणतंत्र के संस्थापकों ने वैज्ञानिक सोच के महत्व को समझा और देशवासियों ने इस भावना को सृजित करने के लिए इसे हमारे संविधान में सम्मिलित किया।जय राम ठाकुर ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम शिक्षा के वास्तविक अर्थ को भूल गए हैं। क्योकि शिक्षा का अर्थ केवल किताबें पढ़ना और परीक्षा के दौरान उसे लिखना मात्र नहीं है।

शिक्षा का सही अर्थ विद्यार्थियों की कुशलता को बढ़ाना और उनमें अपनी संस्कृति और परम्पराओं के प्रति सम्मान पैदा करना है, ताकि शिक्षा समाप्ति के पश्चात् वे रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार प्रदान करने वाले बन सकें। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा के बिना शिक्षा अनुपयोगी है और शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को उच्च मूल्यों के बारे में शिक्षित करना चाहिए। साथ ही उन्हें अपने आचरण से भी उच्च उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों को उत्तम शिक्षा प्रदान करने में सरस्वती विद्या मन्दिर उत्कृष्ट भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में बहुत प्रतिभाएं हैं, आवश्यकता उन्हें उनके उचित मार्गदर्शन की है। जीवन में कई बार बाधाएं आती हैं, जो हमें नई सोच, नए उत्साह, प्रतिबद्धता और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती हैं।

उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर के विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर बधाई दी और आहवान किया कि वे अपने शिक्षकों और अभिभावकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत करें।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने विद्यालय में अटल टिंकरिंग लैब्स का उद्घाटन किया और विभिन्न माॅडलों को प्रदर्शित करने वाले स्कूली विद्यार्थियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने छात्रों द्वारा प्रदर्शित माॅडलों में गहरी रुचि ली। चंद्रयान, स्मार्ट पार्किंग, अल्कोहल डिटेक्टर, संचार, टावर, रक्त संचार प्रणाली आदि के माॅडलों ने अधिकतम ध्यान आकर्षित किया। स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र आतिश ने अपने बनाए गए ड्रोन को उड़ाकर सभी को स्तब्ध कर दिया।

विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देस राज शर्मा ने कहा कि ऐसी शिक्षा जो हमारी संस्कृति और परंपरा का संरक्षण नहीं कर सकती निरर्थक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को हमारे आस-पास की दुनिया देखने का अवसर देने के साथ-साथ उन्हें सपने देखने की स्वतंत्रता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म और विज्ञान का सबसे अच्छा मिश्रण समाज के कल्याण के लिए आदर्श है।

इस अवसर पर छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
हिमाचल शिक्षा समिति के संरक्षक अच्छर सिंह ठाकुर, हिमाचल शिक्षा समिति अध्यक्ष देवी रूप शर्मा, महासचिव दिला राम चैहान, उपाध्यक्ष गुलाब सिंह मेहता, महापौर शिमला नगर निगम कुसुम सदरेट सहित कई शिक्षाविद् और विद्वान इस अवसर पर उपस्थित थे।

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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