सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से रक्षा मंत्रालय का अति महत्वपूर्ण बरमाणा-मनाली-लेह रेललाइन का सपना साकार होने के नजदीक पहुंच गया है। उत्तर रेलवे ने इस परियोजना की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर ली है। जून 2021 में पीएमओ ने इस परियोजना का रिव्यू किया था। उत्तर रेलवे को इसकी डीपीआर जल्द तैयार करने के आदेश थे। डीपीआर तैयार करने के लिए उत्तर रेलवे ने सेटेलाइट और लिडार सर्वे करवाए।
बरमाणा से लेह तक 476 किलोमीटर लंबी रेललाइन के लिए 62 हजार करोड़ की लागत से पुलों और टनलों का निर्माण होगा। इसमें टनलों पर 56 हजार करोड़, पुलों पर करीब 6 हजार करोड़ खर्च होंगे। उत्तर रेलवे ने बरमाणा-मनाली-लेह रेललाइन की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी है। 31 दिसंबर से पहले रेलवे बोर्ड को फाइनल डीपीआर सौंप दी जाएगी। इस सामरिक रेललाइन के लिए करीब 150 किलोमीटर लंबर अप्रोच रोड बनेगा।
वहीं, तुर्की के जियोलॉजिस्टों ने इस बात की जांच की कि जिन पहाड़ों से इस रेललाइन के लिए टनल और पुल बनने हैं, वे पक्के हैं या नहीं। हाल ही में 28 से 31 अक्तूबर तक इस रेललाइन को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड के सदस्य इंफ्रास्ट्रक्चर संजीव मित्तल ने भी रेलवे अधिकारियों की टीम के साथ लेह का दौरा किया। उन्होंने सेना और राज्य सरकार के अधिकारियों से इस संदर्भ में बैठक भी की।
उत्तर रेलवे ने उक्त परियोजना की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर ली है। दिसंबर 2021 में इसे उत्तर रेलवे के जीएम को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी के बाद डीपीआर रेलवे बोर्ड को जाएगी। अगर डीपीआर में कोई त्रुटि नहीं हुई तो उसके बाद रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से यह प्रोजेक्ट पीएमओ को मंजूरी के लिए जाएगा। सब सही रहा तो मार्च में प्रस्तावित 2022-23 के बजट सत्र में इस परियोजना को शामिल किया जा सकता है। बरमाणा-मनाली-लेह रेललाइन के परियोजना निदेशक दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि दिसंबर तक उत्तर रेलवे डीपीआर तैयार कर जीएम को सौंप देगा।
मनाली से लेह तक अति दुर्गम स्थलों से रेललाइन बिछाई जाएगी। इसके चलते बरमाणा से मनाली तक आने वाली लागत से आगे लेह तक करीब 30 फीसदी ज्यादा खर्च निर्माण कार्य में होगा। अभी उत्तर रेलवे स्टेशन, मेकेनिकल, अप्रोच रोड, सिगनल और जमीन अधिग्रहण का आकलन तैयार कर रहा है।
SOURCE – AMAR UJALA
Author: Viral Bharat
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