April 30, 2024 7:49 am

क्या अब भारत में करोना जिहाद की तैयारी चल रही है ? टिकटॉक में भी बेतुके वीडियो डालने वाले बेवकूफों की भरमार

भारत में मोदी सरकार अपनी पूरी कोशिश कर रही है की करोना जिअसे भयानक महामारी पनपने और फैलने से रोका जाए पर कुछ मुस्लिम धर्मांध संस्थाएं इसके विपरीत कार्य करती दिख रही हैं. अभी हाल ही में पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना लॉक डाउन की बावजूद देश के कुछ हिस्सों से मुस्लिम संस्थाओं द्वारा रहस्मयी तरीकों से धार्मिक कार्य आयोजित किये जा रहे हैं. देश में इस कोरोना बीमारी से निपटने वाली आपातकाल स्थिति में अचानक से इन मामलों में वृद्धि होना बहुत बड़ी चिंता का विषय है…अब भारत में जनता में इसको लेकर भय भी बढ़ रहा है और ये एक नए कोरोना जिहाद की शक्ल लेता दिख रहा है ! दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने वालों के कारण सरकार की मुश्किलें और कोरोना का कहर राजधानी में बढ़ता चला जा रहा है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मरकज भवन में मौजूद 24 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने की सूचना है। खुद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जानकारी दी है।

रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोरोनोवायरस के लिए 170 से अधिक लोगों का परीक्षण किया जा रहा है। यह छूत के लिए परीक्षण किया जा रहा सबसे बड़ा एकल समूह है। घटना के बाद, एक आदमी की मौत हो गई है, जबकि छह अन्य ने सकारात्मक परीक्षण किया है। मार्काज़ में 280 विदेशियों सहित लगभग 2,000 पुरुष रहते हैं। सामाजिक भेद के सभी मानदंडों का समर्थन करते हुए, वे छह-मंज़िला डोरमेट्री में रह रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लगभग 300 कोरोनोवायरस से जुड़े लक्षण दिखा रहे हैं।

इंडोनेशिया के लगभग 800 इस्लामिक प्रचारकों को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिया है। ये सारे पर्यटक वीजा पर भारत आए थे और इस महीने दिल्ली में तीन दिवसीय मजहबी सम्मेलन में भाग लिया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने द हिंदू को बताया द हिंदू को बताया कि दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मुख्यालय अलमी मरकज बंगलेवाली मस्जिद में इस महीने की शुरुआत में देश भर से लगभग 8,000 लोग शामिल हुए थे। अधिकारी ने बताया कि देश भर से कई लोग, जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला, उन लोगों ने या तो इस मजहबी सभा में हिस्सा लिया था या फिर इसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे।अधिकारी ने कहा, “वे पर्यटक वीजा पर यहाँ आए थे लेकिन मजहबी सम्मेलनों में भाग ले रहे थे, यह वीजा नियमों के शर्तों का उल्लंघन है। हम लगभग 800 इंडोनेशियाई प्रचारकों को ब्लैकलिस्ट करने जा रहे हैं ताकि भविष्य में वे देश में प्रवेश न कर सकें।” बता दें कि भारत और इंडोनेशिया के बीच वीजा की व्यवस्था है। इसके तहत और नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा की अनुमति है।

सोशल मीडिया में, व्हाट्सप्प और टिक टोक जैसे ऐप्स में भर्मित युवक कोरोना को लेकर गलत जानकारी डाल के वीडियो फैला रहे हैं. मुस्लिम उपयोगकर्ताओं ने अब महामारी फायलाने वाले भयंकर वायरस के प्रकोप के बीच मुसलमानो में सामाजिक निकटता को प्रोत्साहित करने के लिए, वीडियो-शेयरिंग सोशल नेटवर्किंग सेवा, टिकटोक को अपना लिया है और धड़ल्ले से इस्लाम के नाम की आड़ में कोरोना से न डरने की सलाह देते हुए गले मिलने और हाथ मिलाने को उकसाया जा रहा है !

इस तरह के एक वीडियो में, एक काले रंग की शर्ट में एक आदमी अपने तीन दोस्तों को नमस्कार करते हुए देखा जा सकता है। जब उनमें से एक ने कोरोनोवायरस संक्रमण से निपटने के बारे में चिंताओं को उजागर करते हुए अपने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जिससे अंततः मृत्यु हो सकती है, तो काली शर्ट में आदमी उसे इस्लाम में एक सबक देता है की हम अल्लाह के मानने वाले हैं, हमे अपने भाईचारे को बचाना है कोरोना हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता और वह एक विचित्र बयान देता है, “आप अपनी मौत के डर से आज सुन्नत (पारंपरिक इस्लामिक रिवाज) और कल इस्लाम छोड़ देंगे। हम मुसलमान हैं और इसलिए हम मरने से नहीं डरते। ” उसका अनिच्छुक मित्र, जो अब इस्लाम की शिक्षाओं से प्रबुद्ध हो गया, फिर काले शर्ट में आदमी को गले लगाने के लिए आगे बढ़ा।

एक अन्य वीडियो में एक युवक मुलिस्म मित्र से पूछता है की कोरोना का इलाज क्या है तो स्कूटर पे बैठे मुस्लिम युवक से जवाब मिलता है 5 टाइम नमाज़ और हीरो की तरह उठ के चल पड़ता है, जिसमे बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ पूरे सेन को फ़िल्मी बनाने की कोशिश की गई है !

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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