भीम आर्मी ने सीएए के विरोध में 23 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान समर्थक जगह-जगह झंडे व भड़काऊ भाषण देते घूम रहे थे। हिंसा की शुरुआत भीम आर्मी के समर्थकों की ओर से हुई थी। पहली बार पथराव उन्हीं की ओर से किया गया था।
ये खुलासा दिल्ली पुलिस और स्पेशल ब्रांच की जांच में हुआ है। इसके अलावा भीम आर्मी के समर्थकों ने मालवीय नगर में हौजरानी में हंगामा करने का प्रयास किया था। पुलिस ने समय रहते हुए माहौल को संभाल लिया था।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक बजे ट्वीट कर समर्थकों को दोपहर करीब तीन बजे मौजपुर चौक पहुंचने को कहा था। उस समय भीम आर्मी के 15 से 20 समर्थक वहां से गुजरने लगे। ये चांद बाग से जोरबाग जा रहे थे। ये समर्थक नारे लगा रहे थे और कपिल मिश्रा के समर्थकों को देखकर हूटिंग करने लगे थे। इस पर दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई थी।
मारपीट के बाद भीम आर्मी समर्थक वहां से चले गए। कुछ देर बाद वह फिर वापस आए और मिश्रा समर्थकों पर पथराव शुरू कर दिया।
स्पेशल ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि 23 फरवरी को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर उर्फ रावण बंगलूरू में था। पुलिस भीम आर्मी व उसके प्रमुख की भूमिका की जांच कर रही है।आखिर, भीम आर्मी ने जिस दिन दिल्ली में बंद का आह्वान किया था उस दिन ही हिंसा क्यों हुई? इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस की कई यूनिटें जांच कर रही हैं कि हिंसा फैलाने में भीम आर्मी की क्या और कहां तक भूमिका है।
दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हौजरानी के गांधी पार्क में कई दिनों से शांतिपूर्वक धरना चल रहा था। भीम आर्मी के बंद वाले दिन प्रदर्शनकारियों ने हौजरानी में जुलूस निकाला और मैक्स अस्पताल के सामने सड़क बंद करने की कोशिश की थी। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ना पड़ा था।
Author: Viral Bharat
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