जयराम सरकार की ग्लोबल इन्वेस्टर मीट अच्छे से सफल हुई तो हिमाचल में करीब पौने दो लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने प्रदेश के विकास के प्रति अपनी गंभीरता को दिखा दिया था। आज उन्ही के प्रयासों का नतीजा है धर्मशाला में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर मीट। हजारो करोड़ों के एमओयू हस्ताक्षर होंगे और जब धरातल पर ये एमओयू उतरेंगे तो हिमाचल विकास को लेकर एक नयी इबारत लिखेगा। सरकारें आती जाती रहती हैं लेकिन जो प्रयास करे प्रदेश के विकास के लिए वो ही असल में सरकार होती है दो साल से कम वक़्त के कार्यकाल में मुख्यमंत्री जी ने साबित कर दिया है की वो काम करेंगे तो प्रदेश और प्रदेश की जनता के लिए।
आपकी जानकरी के लिए हम आपको बता दें की ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के लिए पावर, पर्यटन, उद्योग व हाउसिंग में सबसे अधिक निवेश होने की संभावना है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में होने वाली पहली इन्वेस्टर मीट को सफल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने जयराम सरकार को 11 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता के रूप में दिए हैं, जिनमें दस करोड़ उद्योग मंत्रालय और एक करोड़ रुपए पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं। केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से मदद मिलना अपने आप में दिखाता है की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की कार्यशैली से कितना ज्यादा प्रभावित है प्रधानमंत्री मोदी जी ये पुरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने मंगलवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कहा कि अधिक से अधिक निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष कुछ नई नीतियां बनाई हैं, जिनमें औद्योगिक नीति, पर्यटन नीति, फिल्म पालिसी, आयुष नीति, पावर पालिसी और आईटी नीति-2019 शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 1710 प्रतिनिधियों का इस मीट में आना तय हो गया है, जिनमें 200 अंतरराष्ट्रीय डेलिगेट्स शामिल हैं, जो रूस, अमरीका, मलेशिया, यूएई, जर्मनी आदि देशों से आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तक लगभग 82 हजार करोड़ रुपए के निवेश के लिए 583 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। निवेश करने वाले आईटी, इको टूरिज्म, हॉर्टिकल्चर, स्पोर्ट्स, एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के इच्छुक हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साल के भीतर दो बार धर्मशाला का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी सात को धर्मशाला में बैठक का उद्घाटन करेंगे और गृह मंत्री अमित शाह अगले दिन समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। श्री ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने अनुच्छेद-118 में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि इसका सरलीकरण किया गया है, जिससे निवेशकों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए भूमि लेने में दिक्कतें न आएं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे ऑनलाइन कर भ्रम फैलाने वाले लोगों के भी मुंह बंद कर दिए हैं। सीएम ने कहा कि इन्वेस्टर मीट के बाद भी प्रदेश में निवेशकों को लाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे, जिससे प्रदेश की आर्थिकी के साथ-साथ रोजगार भी बड़ी संख्या में लोगों को मिलता रहेगा।
किस क्षेत्र में कितना होगा निवेश
हिमाचल में कुल 82 हजार 344 करोड़ के निवेश की संभावना है। इसमें विद्युत क्षेत्र में सबसे अधिक 27812 करोड़ का निवेश होगा। इसमें देश की नामी 15 बड़ी कंपनियों के साथ करार हुआ है। इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र में 192 एमओयू साइन हुए हैं, जिनके तहत 14 हजार 955 करोड़ रुपए का निवेश होगा। उद्योग क्षेत्र में साइन किए गए 207 एमओयू के तहत 13 हजार 682 करोड़ के निवेश की संभावना है। इसके अलावा हाउसिंग सेक्टर में 32 एमओयू साइन किए गए हैं, जिनके तहत 12 हजार 277 करोड़ के निवेश की संभावना है। वहीं, अगर इन क्षेत्रों में रोजगार की करें तो एक लाख 75 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
इन्वेस्टर मीट के होंगे आठ सत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात नवंबर को इन्वेस्टर मीट के पहले सत्र का शुभारंभ करेंगे, जबकि अगले दिन समापन गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। इस दौरान निवेश के अलावा हिमाचल की तस्वीर भी दर्शायी जाएगी। निवेशकों को लुभाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी देसी- विदेशी मेहमानों का स्वागत किया जाएगा।
इंद्रुनाग के दर पहुंचे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीट की सफलता के लिए मंगलवार को इंद्रुनाग मंदिर में पूजा अर्चना की। दोपहर बाद मुख्यमंत्री खनियारा स्थिति इंद्रुनाग मंदिर पहुंचे तथा वहां विधिवत रूप से उनकी पूजा अर्चना की। इस मौके पर उनके साथ उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर, विधायक विशाल नैहरिया सहित अन्य विधायक व अधिकारी मौजूद रहे।
Author: Viral Bharat
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