भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावसकर के जीवन की एक बहुत ही रोचक मजेदार घटना है! मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान क्रिकेटर गावसकर को उनकी उपलब्धियों के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया! इस दौरान उनके बेटे रोहन गावसकर ने 1993 में मुंबई हमलों के बाद हुई एक घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे उनके पिता जी ने तब के संवेदनशील माहौल में अपनी जान को दांव लगाकर बिना किसी डर के किस तरह एक परिवार को भीड़ के गुस्से से बचाया था!
रोहन ने बताया, ‘धमाकों के बाद एक दिन हमारा परिवार छत पर खड़ा था, छत पर यूँ ही टहल रहे थे हम जब हमने देखा कि गुस्साए लोगों ने एक परिवार को घेर लिया ! हमें पता था कि परिवार के प्रति उस भीड़ के इरादे कुछ अच्छे नहीं थे और पापा (सुनील गावसकर) ने यह देख लिया, वह नीचे दौड़े और भीड़ का सामना किया! उन्होंने कहा, ‘पापा ने भीड़ से कहा कि आपको इस परिवार के साथ जो करना है करो, लेकिन पहले मेरे साथ वैसा करना होगा और इसके बाद भीड़ ने परिवार को जाने दिया! ये एक तरह से भीड़ का प्यार और इज्जत ही थी सुनील गवास्कर के लिए जो उनकी बात का मान रखा और उस परिवार को जाने दिया भीड़ ने बिना कोई नुकसान पहुचाए।।
अपने जीवन को खतरे में डालकर भीड़ का सामना करने के लिए विशेष साहस की जरूरत होती है और मुझे लगता है कि अपने करियर के दौरान बिना हेलमेट के तेज गेंदबाजों के सामना करने के लिए भी विशेष साहस चाहिए था!
समारोह के दौरान सुनील गावसकर ने पिछले जीवन की कुछ यादें साझा करते हुए बताया कि वेस्ट इंडीज के महान बल्लेबाज गैरी सोबर्स किस तरह उनके पहले टेस्ट के हर दिन उन्हें गुडलक के लिए छूते थे! गावसकर ने वह घटना भी साझा की, जब भारतीय कप्तान वाडेकर ने वेस्ट इंडीज के साथ सीरीज के आखिरी टेस्ट से पहले ने उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया था ताकि सोबर्स उनके पास न आ सकें!
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com