जैसा की सभी जानते हैं पहाड़ी राज्यों फिर वो हिमाचल प्रदेश हो या फिर उत्तराखंड हो इन राज्यों में अक्सर प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं। जब हिमाचल में कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो उस समय एक दम सहायता की जरूत पड़ती है। हिमाचल में किसी भी आपदा के समय NDRF टीम को पंचकूला से बुलाना पड़ता है।
पंचुकला से NDRF टीम को पहुंचे में समय लगता है जिस वजह से NDRF टीम दुर्घटना स्थल पर थोड़ा देरी से कई बार पहुँचती है।हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं पर बचाव दल को जल्द पहुंचाने के लिए प्रदेश की जयराम सरकार ने कवायद तेज कर दी है। जल्द ही हिमाचल में ही एनडीआरएफ की बटालियन स्थापित की जाने वाली है अभी इसे स्थापित करने के लिए जमीन का पेच फंसा हुआ है, जिसे दूर करने के लिए जमीन फाइनल की जा रही है। दरअसल, सोलन हादसे के बाद सूबे की राज्य सरकार सतर्क हो गई है।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सूबे की जय राम सरकार एनडीआरएफ बटालियन के रिस्पांस टाइम को दो घंटे से घटाकर और कम कर देगी। वर्तमान में पंचकूला से बटालियन मंगवानी पड़ती है। हिमाचल में ही एनडीआरएफ बटालियन की स्थापना होगी तो रियल टाइम रिस्पांस हो सकेगा।
इसके लिए जल्द ही जमीन का चयन होगा। उल्लेखनीय है कि अगस्त 2018 में प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक बटालियन स्थापित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।हिमाचल मंत्रिमंडल ने बाकायदा प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया था। जुलाई 2016 में भारत सरकार ने कांगड़ा के जाच्छपुर (नूरपुर) में एनडीआरएफ बठिंडा की एक टुकड़ी को स्थापित किया था।
लेकिन इस कम माना गया था यही वजह थी की उसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद गृह मंत्रालय ने पिछले मई महीने में भी हिमाचल में NDRF बटालियन स्थापित करने के आदेश दिए हैं।लेकिन अब सबसे जरूरी है ऐसी जगह जमीन देखना जो बीच में आती हो। अब इसके लिए ऐसे स्थान पर जमीन देखी जा रही है, जहां से किसी आपदा की स्थिति में रिस्पांस टाइम घटे। सूत्रों की माने तो बल्ह में बटालियन खोले जाने पर सबकी एकमत सहमती बनती नजर आ रही है।
Author: Viral Bharat
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