आज कांग्रेस सरकार को एक बात बहुत अच्छे से समझ आ चुकी होगी की ईमानदार छवि वाली ये जयराम सरकार हर घोटाले की फाइल खोलेगी और जाँच करवाकर गुन्हेगारों को सजा भी दिलवाएगी। 2016-17 में हुई कंडक्टर भर्ती भी सवालों के घेरे में आ गई है। यह भर्ती पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी। इस मुद्दे पर वीरवार को सदन खूब गरमाया।
राज्य योजना के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने विधानसभा में इस मसले को प्रमुखता से उठाया। कैसे एक ही विधानसभा क्षेत्र विशेष के 498 अभ्यर्थी नियुक्त हो गए। उन्होंने जानना चाहा कि सरकार इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी? सवाल उठाया कि कैसे एक ही हलके के अभ्यर्थी चयनित हो गए? ये कहां का न्याय है। कौन सी पारदर्शिता है? इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। किस एजेंसी ने पेपर करवाए? किसके सहारे हेराफेरी की गई? क्या सरकार सख्त कार्रवाई करेगी ताकि आगे ऐसा न हो?
जवाब में परिवहन मंत्री गोविद ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री रमेश धवाला की चिंता जायज है। 2003-04 में भी कंडक्टर भर्ती में गड़बड़ी हुई थी। इसमें भी दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी। जहां तक 2016-17 का सवाल है, उस भर्ती की भी गहनता से जांच होगी। 2018 में 1087 टीएमपीए यानी कंडक्टरों की भर्ती में भी धांधली के आरोप लगे थे। मौजूदा सरकार ने जांच-पड़ताल की तो आरोप सही नहीं पाए। सभी जिलों से मैरिट आधार पर चयन हुआ था। 2016-17 के आरोपों की भी जांच होगी। अधिकारी दोषी पाए गए तो सरकार कार्रवाई से गुरेज नहीं करेगी।
कब कितनी भर्ती
-इस साल 31 जुलाई तक ड्राइवरों की भर्ती तीन बार और कंडक्टरों की भर्ती दो बार की गई।
कब कितने कंडक्टर नियुक्त
-2016-17,498
-2017-18,1087
कब कितने ड्राइवर नियुक्त
-2016-17,226
-2017-18,324
2018-19,13
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com