हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ी सबसे सफल इन्वेस्टर मीट करवाने का क्रेडिट सिर्फ प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जाता है। दो साल कोरोना की भेंट चढ़ गए यही वजह है जो हजारों करोड़ों का निवेश प्रदेश को हासिल हुआ है जमीन में उतरने में उसे समय लग रहा है। पर जिस तरह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक्शन में नजर आ रहे हैं उपचुनावों के बाद से उसे देखते हुए साफ़ लग रहा है कि अब निवेश धरातल पर जल्द नजर आएगा।
अब हिमाचल में औद्योगिक निवेश के जरिए रोजगार लाने पर जयराम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की सेकेंड ग्राउंड ब्रेकिंग सेरमनी की डेट तय हो गई है। यह ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 27 दिसंबर को होगी, जब सरकार के चार साल पूरे हो जाएंगे। इसके लिए पांच दिसंबर को दिल्ली में इन्वेस्टर मीट हो रही है। इससे पहले ये सेरेमनी अक्तूबर में प्लान की गई थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता के कारण इसे टालना पड़ा था।
मुख्यमंत्री खुद दिल्ली जाकर उद्योगपतियों से मिलेंगे और इसके बाद सेकेंड ग्राउंड ब्रेकिंग की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। 27 दिसंबर को यह सेरेमनी धर्मशाला में हो सकती है। हालांकि अभी वेन्यू तय नहीं है। धर्मशाला में एयर कनेक्टिविटी के कारण वेन्यू हो सकता है। इस कार्यक्रम में 15000 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्टों को धरातल पर उतारा जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए केंद्रीय नेताओं को भी बुलाने की तैयारी है।
इससे पहले ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद पहली ग्राउंड ब्रेकिंग में 13000 करोड़ के प्रोजेक्टों के एमओयू साइन हुए थे। इस बड़े आयोजन से पहले राज्य सरकार ने औद्योगिक निवेश पर दो फैसले भी लिए हैं। बड़े निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य की औद्योगिक नीति में बदलाव किया गया है। 2019 की इस नीति में 150 से 500 करोड़ तक के प्रोजेक्टों के लिए कस्टमाइज्ड स्पेशल पैकेज इन्सेंटिव घोषित किए गए हैं। इन उद्योगों की तीन कैटेगरी होंगी। शर्त यह है कि 80 फीसदी कर्मचारी हिमाचल के रखने होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आईडी धीमान की तरफ से यह अधिसूचना जारी हुई है। दूसरा फैसला मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 18 नए कार्य और उपक्रम शामिल करने और महिलाओं को आयु में छूट देने का है। इसकी अधिसूचना भी कैबिनेट की मंजूरी के बाद बुधवार को ही जारी हो गई।
कस्टमाइज्ड औद्योगिक पैकेज में उद्योगों का चयन दो तरह की कमेटियां करेंगी। कैबिनेट सब कमेटी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री और मुख्य सचिव सदस्य होंगे, जबकि उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सदस्य सचिव लगाए गए हैं। इससे पहले हाई पावर कमेटी उद्योगों की कैटेगरी और आवेदन को स्क्रीन करेगी, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग करेंगे। इसमें ऊर्जा सचिव, वित्त सचिव और एक्साइज सचिव मेंबर होंगे, जबकि उद्योग निदेशक सदस्य सचिव होंगे। इस कमेटी की सिफारिशों के बाद उद्योग को इन्सेंटिव देने का फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी करेगी।
Author: Viral Bharat
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