हिमाचल सरकार की महत्वाकांक्षी हेल्थ केयर स्कीम हिमकेयर,जिसका लाभ अभी तक हजारों जरूरतमंद उठा चुके हैं उसमें जिला मंडी में गड़बड़ी सामने आई है।आपकी जानकरी के लिए हम बता दें किहिमकेयर योजना का कार्ड बनाने के लिए एपीएल परिवारों से सालाना 1000 रुपये शुल्क ले लिया जबकि रिकॉर्ड में इन्हें बीपीएल का बताया गया है।ऐसा कभी नही होता अगर आम जनता जागरूक हो कि हिमकेयर कार्ड के पंजीकरण में कितने पैसे लगते है सालाना कितने नही।
मंडी जिला में हुई प्राथमिक जांच में ऐसे 11 मामले पकड़े गए हैं। सरकार ने इसको लेकर सख्त रुख अपनाते हुए जाँच के आदेश दे दिया हैं। पुलिस अब फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड को ढूंढ रही है।
शक की सूई आउटसोर्स की गई एजेंसी के कुछ कर्मचारियों पर घूम रही है। वहीं कुछ लोकमित्र केंद्र भी जांच के दायरे में हैं। जैसे ही शिमला स्थित स्वास्थ्य विभाग की एजेंसी के सामने ये मामले आए, इसकी सूचना एसपी मंडी को दी गई। प्रारंभिक जांच में 11 मामले पकड़े गए हैं। यह भी जांचा जा रहा है कि और कितने परिवारों ने नाम पर शातिर पैसे का गोलमाल कर गए हैं। पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ में लगे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही शातिरों को ढूंढ निकाला जाएगा। मामले की जांच मुख्य आरक्षी संजीव कुमार कर रहे हैं।
सूचना पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में 11 मामले सामने आए हैं। हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। – गुरदेव शर्मा, एसपी मंडी
कार्ड बनाने के लिए बीपीएल का नहीं लगता शुल्क
राज्य की जयराम सरकार ने हिमकेयर योजना को लागू किया है। इसमें प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस उपचार कवरेज पात्र परिवारों को अस्पताल में भर्ती होने पर किया जाता है। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों, मनरेगा श्रमिकों और पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
एकल नारी, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, अनुबंध कर्मचारी, अंशकालीन कर्मचारी और दैनिक वेतनभोगियों से साल में 365 रुपये शुल्क लिया जाता है। एपीएल परिवारों से 1000 रुपये शुल्क लिया जाता है।
Author: Viral Bharat
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