जयराम सरकार में अब हिमाचल प्रदेश के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गयी है। जयराम सरकार में पहले दो सालों में हिमाचल ने कई क्षेत्रों में अवार्ड हासिल किये और अब हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा सुधार में बढ़ी छलांग लगाई है।आपकी जानकरी के लिए हम बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जारी हुए परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2018-19 में हिमाचल ने 1000 में से 799 अंक लेकर देश भर में बड़ी छलाँग लगाते हुए हिमाचल ने देश भर में छठा रैंक प्राप्त किया है। इससे पहले अगर बात करें 2017-18 की रेंटिंग की तो उसमें हिमाचल का 14वां रैंक था। इस दौरान प्रदेश को 1000 में से 736 अंक मिले थे। शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी सुविधाएं, समान शिक्षा और गवर्नेंस प्रोसेस के मामले में हिमाचल ने देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।
केंद्रीय मंत्रालय ने 70 बिंदुओं के पैमाने पर आधारित परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट को 2018 से तैयार करने की शुरुआत की है। मंत्रालय ने इन बिंदुओं के आधार पर सभी राज्यों से ऑनलाइन जानकारी मांगी थी। इस सूचना के आधार पर 2018-19 की रिपोर्ट तैयार हुई है। राज्यों की शिक्षा व्यवस्था के प्रदर्शन को सात ग्रेड में विभाजित किया था, जो कि शून्य से 1000 वेटेज पर आधारित था। लेवल वन और टू में कोई राज्य शामिल नहीं हो सका है।
किसी भी राज्य की परफॉर्मेंस 901-1000 नंबरों के मानकों को पूरी नहीं कर सकी।
चंडीगढ़, गुजरात और केरल को लेवल थ्री 851-900 का वेटेज और ग्रेड एक प्लस की श्रेणी मिली है। महाराष्ट्र और दिल्ली को लेवल फोर 801-850 का वेटेज और ग्रेड एक की श्रेणी मिली है। हिमाचल, हरियाणा व पंजाब को 751-800 वेटेज के साथ ग्रेड दो मिला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षकों, प्राचार्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी, नियमित पर्यवेक्षण और निरीक्षण की कमी, शिक्षकों के अपर्याप्त प्रशिक्षण, वित्त की समय पर उपलब्धता के मुद्दे शिक्षा प्रणाली को विफल करने वाले कारक हैं।
पैरामीटर कुल अंक हिमाचल
लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी 180 140
शिक्षा की पहुंच (एक्सेस) 80 74
बुनियादी सुविधा b 150 126
समान शिक्षा (इक्विटी) 230 204
गवर्नेंस प्रोसेस 360 255
रिजल्ट 1000 799
Author: Viral Bharat
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