मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कार्यशैली एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की ईमानदार छवि और ईमानदारी से कार्य करने की नीतियों की वजह से आज इस तरह की करवाई हो रही है। अब भ्रस्ट और घोटालेबाजों गड़बड़ी करने वालों को समझ जाना चाहिए की ये ईमानदार सरकार है इसमें बेईमान अफसर नहीं टिक पाएंगे।
सड़क निर्माण में अनियमितता बरतने पर राज्य सरकार ने 6 इंजीनियरों काे चार्जशीट करने का आदेश दिया है । इनमें 2 जूनियर इंजीनियर (जेई), 2 असिस्टेंट इंजीनियर (एई) और दाे एग्जिक्यूटिव इंजीनियर (ईई) शामिल हैं। इनके खिलाफ डिस्पलेनरी एक्शन के आदेश दिए हैं। सड़काें की टारिंग करने वाले दाेनाें ठेकेदाराें काे भी ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी फाइल लाेक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ईएनसी काे भेज दी है। ठेकेदार काे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है या फिर उसकी दाेबारा टारिंग के पैसे उन्हीं से वसूले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से आई फाइल के बाद विभाग ने 6 इंजीनियरों काे शाे काॅज नाेटिस भेजकर जवाब मांगा। जवाब आने के बाद मामले की फाइल दाेबारा राज्य सरकार काे भेजी गई है।
केस: 1 : सिरमाैर जिला के नाहन में हरिजन बस्ती कैराणी गांव पलाैणी में 1 किलाेमीटर सड़क की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने क्वालिटी कंट्राेल सैल काे भेजी थी। शिकायत में उन्हाेंने कहा था कि टारिंग हाेने के बाद कुछ ही दिनाें में यह उखड़ गई है। क्वालिटी कंट्राेल सैल की टीम ने स्पाॅट विजिट किया। जांच में पाया गया कि सड़क की टारिंग पूरी तरह उखड़ गई। टारिंग में घटिया मैटिरियल इस्तेमाल किया गया था। क्वालिटी कंट्राेल सैल ने संबंधित अधिकारियाें जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजिनियर और एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ डिस्पलेनरी एक्शन और ठेकेदार पर पैनल एक्शन के निर्देश दिए हैं।
केस: 2 : बिलासपुर जिला के घुमारवीं में झंडाेत टू बम, निहारी खलर बरठीं राेड़ में भी घटिया मैटिरियल इस्तेमाल करने की शिकायत विभाग के पास आई थी। कई गांवाें काे यह सड़क जाेड़ती है। इसकी टारिंग कुछ ही दिनाें के बाद उखड़ गई। लाेगाें ने इसकी शिकायत क्वालिटी कंट्राेल सैल काे भेजी। टीम ने इसका स्पाॅट विजिट किया। इसमें काफी खामियां पाई गई। सड़क की टारिंग पूरी तरह उखड़ चुकी थी। क्वालिटी कंट्राेल सैल ने इसमें भी संबंधित जूनियर इंजीनियर,असिस्टेंट इंजिनियर और एग्जिक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ डिस्पलेनरी एक्शन और ठेकेदार पर पैनल एक्शन के निर्देश दिए हैं।
क्वालिटी कंट्राेल सैल के पास पहुंचीं 90 शिकायतें
राज्य सरकार ने 4 सितंबर 2018 काे क्वालिटी कंट्राेल सैल बनाया था। दिसंबर 2018 तक इसमें 90 शिकायतें आई थी। इसमें 60 लाेक निर्माण विभाग की और 30 अन्य विभागों की थी। इस साल जनवरी से अभी तक 100 और शिकायते और चूकी है। क्वालिटी कंट्राेल सैल के चेयरमैन और टीम ने 9 जिलाें का खुद विजिट किया है। हर शिकायत की खुद जांच की है।
Author: Viral Bharat
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