April 29, 2024 4:28 pm

कल्पना सरोज : आत्महत्या से 500 करोड़ का सफ़र

कल्पना सरोज : आत्महत्या से 500 करोड़ का सफ़र

कुछ कर गुजरने के लिए अपना नाम बनाने के लिए , दुनिया में पहचान बनाने के लिए जरूरी नहीं की अप किसी बड़े खानदान से हो या फिर आपके पास सारी सुविधा होनी चाहिए , अगर आपमें हिम्मत और कुछ कर गुजरने का जूनून हैं तो हालात कितने भी बुरे हो आप उसे मात देके वक्त से आगे निकल जाते हैं | ऐसी ही कुछ कहानी हैं पद्म श्री से सम्मानित एक महिला की जिसने अपने आपको मारने की कोशिश की लेकिन जब जिन्दगी की कीमत समझ में आई तो 500 करोड़ की कंपनी खडी कर दी , इनका नाम हैं कल्पना सरोज |

kalpna-saroj-story-2

प्रारंभिक जीवन –

सन 1961 में महाराष्ट्र के अकोला जिले के छोटे से गाँव रोपरखेड़ा के गरीब दलित परिवार में कल्पना का जन्म हुआ। कल्पना के पिता एक पुलिस हवलदार थे और उनका वेतन मात्र 300 रूपये था जिसमे कल्पना के 2 भाई – 3 बहन , दादा-दादी, तथा चाचा जी के पूरे परिवार का खर्च चलता था। पुलिस हवलदार होने के नाते उनका पूरा परिवार पुलिस क्वार्टर में रहता था।कल्पना जी पास के ही सरकारी स्कूल में पढने जाती थीं, वे पढाई में होशियार थीं पर दलित होने के कारण यहाँ भी उन्हें शिक्षकों और सहपाठियों की उपेक्षा झेलनी पड़ती थी | कल्पना जब 12 साल की थी तब उनकी शादी उनसे 10 साल बड़े आदमी से हुई लेकिन उनको सुख नहीं मिला और मारा पीटा जाने लगा तो उन्हें उनके पिताजी घर लाये फिर समाज के तानो से तंग आकर उन्होंने जहर पीने की कोशिश की लेकिन किस्मत ने उन्हें बचा लिया |

मुंबई का सफ़र –

कप्लना 16 साल की उम्र में अपने चाचा के पास मुंबई आ गई और एक सिलाई की दूकान में धागे काटने का काम करने लगी जिससे दो रुपये और फिर मशीन चलने लगी जिससे सवा दो सौ रुपये मिलने लगे लेकिन इसी बीच उनके पिता की नौकरी छूटने से परिवार मुंबई आ गया और बीमारी से उनके बहन की मौत हो गई जिससे की वो बुरी तरह से कमजोर हो गई लेकिन हिम्मत नहीं हारी |

खुद का व्यवसाय –

कल्पना जी ने सिलाई मशीन लेली और 16 घंटे लगातार सिलाई करने लगी लेकिन उन्हें इससे ज्यदा भी कुछ करना था इसीलिए खुद का संगठन बनाया और सरकार से लोन लेके काम स्टार्ट किया | अब कल्पना ने 22 साल की उम्र में पचास हजार लोन लेके फर्नीचर का व्यवसाय शुरू किया जो की चल गया | अब 1989 में कल्पना ने फिर विवाह किया लेकिन उनके पति की मृत्यु हो गई और सब भार उनके ऊपर आ गया | कल्पना जी का एक जमीने विवाद सुलझ जाने से उनका एक प्लाट रातो रात पचास लाख का हो गया जो की उन्होंने चाँद रुपयों में ख़रीदा था | इसके बाद उनके हत्या की कोशिश हुई जिसमे वो बच गई और फिर उसी प्लाट पे कंस्ट्रक्शन करके पांच करोड़ रुपये कमाए |

कमानी ट्यूब –

116 करोड़ के कर्ज की कंपनी थी जो कल्पना जी ने खरीदी और फिर उसे फायदे में लाके खड़ा कर दिया और इसमें उस समय के वित्त मंत्री ने उनका खूब सहयोग किया | जो की 500 करोड़ की हैं |

पद्म श्री –

कल्पना जी को 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया | कल्पना जी की ये कहानी जिन्दगी में कभी भी हार ना मानने की सच्ची मिसाल हैं |

Viral Bharat
Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

Read More