May 7, 2024 9:37 am

लॉक-डाउन में सरकार प्रदत सहायता से आर्थिक रूप से कमजोर मरीज को मिली बड़ी राहत,जयराम सरकार सत्ता में आने के बाद से कर चुकी है इस तरह सैंकड़ों जरूरतमंदों की मदद

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में राजनीती के रंग-रूप को पूरी तरह से बदल डाला है। जिस हिमाचल में आजतक क्षेत्रवाद की राजनीती की जाती थी आज वो राजनीती खतम हो चुकी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अभी तक के अपने कार्यकाल में पुरे प्रदेश का एक बराबर विकास किया है। हर क्षेत्र हर जिले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनकी जरूरत के हिसाब से विकासात्मकत कार्यो को लेकर घोषणाएं की है।

मुख्यमंत्री चिकित्षा कोष को शुरू करके जरूरत मंद लोगों की मदद करने में भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आगे रहे हैं। पुरे प्रदेश में जिस जिस जरूरतमंद को जरूरत हुई मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आगे आकर उनकी मदद की है। पिछली सरकारों में किस जगह पैसा खर्च किया जाता था सबको पता है लेकिन आज पुरे प्रदेश को एक समान देखा जा रहा है। इसी लॉक-डाउन के दौरान दो घटनाएं हुई जब जरूरतमंदों की सही समय पर मदद की गयी। उन में से एक घटना के बारे में आज हम बतायेगें आपको।

देश में राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के कारण, बड़े स्तर पर प्रवासी श्रमिक, पर्यटक, तीर्थयात्री और निजी क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्ति राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। उनमें से कुछ लोगों को उद्योगों और कंपनियों के बंद होने के बाद अपनी नौकरियां तक गंवानी पड़ी। कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं जहां लोग अस्वस्थ तथा कुछ गंभीर रूप से बीमार तक हो गए और यह समस्या उन लोगों के लिए बड़ी हो गई जो अपने घर-परिवार से दूर थे।

संकट के इस समय में, सरकार अन्य राज्यों में फंसे प्रदेशवासियों की सहायता कर रही है। ऐसा ही एक उदाहरण है, मंडी के जोगिन्दरनगर में चैंतरा निवासी नीरज कुमार, जो बेंगलुरु की एक कम्पनी में प्रशिक्षु हैं और पैसे की कमी और सहायता के अन्य किसी भी स्रोत अभाव के कारण जिगर की क्षति से पीड़ित थे।

समय पर सूचना साझा करने और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत मदद के कारण, कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लाॅकडाउन के दौरान कर्नाटक के बेंगलुरु में फंसे गंभीर रूप से बीमार एक मरीज की जान बच गई।

सहायता प्राप्ति की उम्मीद के साथ, बेंगलुरु की एक कम्पनी में कार्यरत प्रशिक्षु ने कोविड हेल्पलाइन पर एक ई-मेल संदेश के माध्यम से सूचित किया कि उसका दोस्त नीरज कुमार जो मंडी के जोगिंदरनगर में चैंतड़ा का निवासी है, वह लीवर के रोग से पीड़ित है और वह तथा उसके सहयोगी नीरज को संभालने की स्थिति में नहीं हैं और समय पर चिकित्सा सहायता के बिना वह मर भी सकता है।

हेल्पलाइन पर अधिकारियों से मिली त्वरित प्रतिक्रिया के तहत जानकारी देने वाली लड़की के मोबाइल पर संपर्क किया गया। ”अगाड़ी हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बेंगलुरु ने नीरज कुमार के इलाज के खर्च के लिए 50,000 रूपए का अनुमानित खर्च बताया“, यह बताते हुए कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी दी कि उपचार में देरी नहीं की जा सकती है। उसने कहा कि उन्हें नहीं सूझ रहा था कि आगे क्या किया जाए।जोगिंद्रनगर के उप-मंडल दण्डाधिकारी द्वारा नीरज कुमार का गरीब परिवार का सम्बन्धित होना और वित्तीय सहायता की आवश्यकता के प्रमाणीकरण के बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से अस्पताल का खर्च वहन करने का निर्णय लिया।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय से नीरज के चिकित्सा व्यय को वहन करने के आश्वासन पत्र के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उसका इलाज शुरू किया।
अस्पताल में सफल उपचार और 13 मई को छुट्टी के बाद नीरज कुमार ने हिमाचल सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि वह आज हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया और समय पर सहायता के कारण ही जीवित है।

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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