केंद्र की मोदी सरकार एक से बढ़कर एक अच्छी योजना देश की आम जनता के लिए शुरु कर चुकी है,उसी तर्ज पर एक और काम मोदी सरकार करने जा रही है जिसका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा।अमेरिका की तर्ज पर भारत में भी अब हरेक व्यक्ति का इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इस कार्ड में व्यक्ति की छोटी से बड़ी हर बीमारी का जिक्र होगा। डॉक्टर एक क्लिक से संबंधित व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री जान सकेंगे।
इससे व्यक्ति को सही समय पर सही उपचार मिल सकेगा। इस इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड को आधार भी लिंक किया जा सकेगा। इससे विभिन्न बीमारियों और रोगियों का स्टीक डाटा मिल पाएगा। आईआईटी मंडी ने इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
केंद्र प्रायोजित प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी मंडी ने इसके लिए अमेरिका की एक नामी कंपनी के साथ हाल ही में करार किया है। इस कंपनी की मदद से आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ आधुनिक तकनीक से यह कार्ड बना रहे हैं।
प्रोजेक्ट से जुड़े आईआईटी मंडी के प्रो. वरुण दत्त का कहना है कि मशीन लर्निग आर्टिफीशयल इंटेलीजेंस तकनीक से आकलन कर अलॉगरिदम पद्वति पर यह शोध किया जा रहा है। इससे देश के हर स्वास्थ्य संस्थान से जोड़ा जाएगा।
इसमें बीमारियों और रोगियों से संबंधित तमाम जानकारी एवं कंडक्ट सर्वे को डाटा में शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत एक मशीन लर्निंग पोर्टल भी बनाया जाएगा। इस पोर्टल में संबंधित शोध से जुड़े डाटा को साझा किया जाएगा।
उनका कहना है कि इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड से न केवल संबंधित व्यक्ति को हेल्थ चेकअप में लाभ मिलेगा बल्कि स्वास्थ्य योजनाएं बनाने में भी इसकी अहम भूमिका होगी।
सरकार के पास देश में फैल रहे रोगों और रोगियों का डाटा आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। इससे नीति निर्धारण में मदद मिलेगी। फार्मा के क्षेत्र में भी यह बहुत उपयोगी होगा। इससे दवाओं की गुणवत्ता पर काम होगा और सस्ती दवाएं तैयार की जा सकेंगी।
आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ इस प्रोजेक्ट के तहत एक ऐसा एक टूल भी ईजाद कर रहे हैं, जिससे दुर्लभ बीमारियों का पता लगाया जा सके। इसे रेयर डिजीज फिजीशियन फाइंडर का नाम दिया गया है। इसमें संबंधित बीमारी के इलाज एवं उसके विशेषज्ञ चिकित्सक की जानकारी मिल सकेगी। इसे भी इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड से लिंक किया जा सकेगा।
इलेक्ट्रानिक हेल्थ कार्ड बनाने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके लिए संस्थान ने एक प्रोजेक्ट अमेरिका की एक कंपनी से हाल ही में करार किया है। इस पर काम भी शुरू कर दिया है। शोध कर इलेक्ट्रानिक हेल्थ बनाकर विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी, ताकि इसके लिए देश में आवश्यक ढांचा विकसित करने की योजना बनाई जा सके। – प्रो. टिमोथी गोंजाल्विस, निदेशक आईआईटी मंडी
Author: Viral Bharat
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