निजी स्कूलों का मुकाबला करने के लिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को पहली बार दी गई स्मार्ट वर्दी पर उठे सवालों के बीच मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से मामले की रिपोर्ट तलब की है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी की तरफ से सख्त लिहेजे में साफ़ कर दिया गया है की इस तरह की गड़बड़ियां बर्दास्त नहीं की जाएगी।
शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगामी फैसला लिया जाएगा।आपको हम बता दें की सीएम हेल्पलाइन में इसको लेकर शिकायत आई थी। कांगड़ा और मंडी जिले से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में इसको लेकर दर्ज शिकायतों में आरोप है कि एक-दो बार धोने पर पैंट और कमीज के रंग फीके पड़ गए। लेकिन साथ ही ये भी बताया गया है की स्कूल की वर्दी का कपड़ा अच्छा है सिर्फ रंग उतरा है।
अभिभावकों ने वर्दी की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए सरकार से मामले की जांच करने की मांग की है। इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री ने भी इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जांच रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 8.30 लाख विद्यार्थियों को अटल स्कूल वर्दी योजना के तहत पहली बार स्मार्ट वर्दी दी गई है।
साल 2018-19 के लिए स्मार्ट वर्दी की खरीद की गई है। पहली से जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को दो-दो सेट दिए हैं। लड़कियों को लाल, काले और सफेद रंग की चेकदार वर्दी और लड़कों की ग्रीन रंग की पैंट और ग्रीन रंग की चेक शर्ट दी गई है। जुलाई से प्रदेश में वर्दी आवंटन शुरू हुआ। अक्तूबर तक सभी स्कूलों में वर्दी मुहैया करवा दी गई है।
बुधवार काे इस मामले में प्रधान सचिव शिक्षा कमलेश कुमार पंत ने इसकाे लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों काे तलब किया। राज्य सचिवालय में करीब 3 घंटे तक बैठक हुई।वर्दी के स्टाॅक और उसकी सैंपलिंग के बारे में अधिकारियों से जवाब तलब किया गया। अधिकारियों ने बताया कि जिलाें में वर्दी की जाे भी सप्लाई हुई है आवंटन से पहले उसकी लैबोरेटरी से जांच भी करवाई गई है। सैंपल पास हाेने के बाद ही वर्दियां बांटी गईं।
Author: Viral Bharat
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