हिमाचल प्रदेश के अफसर एमएलए को ऑनलाइन रिपोर्ट देंगे कि किस स्कीम में कितना बजट खर्च हुआ और कितना होना है? किस योजना की क्या प्रगति है? अगर पैसा खर्च नहीं हुआ तो इसमें क्या पेच है? यह रिपोर्ट ऑनलाइन देनी होगी। इसके लिए जल्दी ई-कंस्टीचुएंसी मैनेजमेंट प्रोजेक्ट शुरू होगा। शुरुआत में इससे उपमंडल स्तर की योजनाओं की निगरानी होगी।
बाद में इसे जिला स्तर के अधिकारियों और फिर राज्य सचिवालय में मंत्रियों, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव के स्तर पर ले जाएंगे। सोमवार को यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने पत्रकार वार्ता में दी। डॉ. राजीव बिंदल ने राज्य विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता में बताया कि 18 विधानसभा क्षेत्रों में इसकी मैनेजमेंट का अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
हम आशा करते हैं कि इस साल के अंत तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। ये एमएलए के इर्द-गिर्द घूमने वाली व्यवस्था है। पीडब्ल्यूडी, आईपीएच, ऊर्जा आदि तमाम महकमों के अधिकारियों को अपनी योजनाओं की जानकारी इस पर अपलोड करनी होगी। सबको पासवर्ड दे दिए गए हैं, वे अपने-अपने स्तर पर इन्हें अपलोड करेंगे।
उदाहरण के लिए अगर किसी योजना के लिए एक करोड़ मंजूर हुआ है तो उन्हें अपलोड करना होगा। 30 या 40 लाख रुपये कितनी अवधि में कहां खर्च किए, यह भी बताना होगा। यह भी स्पष्ट करना होगा कि अगर पैसा खर्च नहीं हो रहा तो उसमें अड़चन क्या है। ये सारा मामला संबंधित विधायक के ध्यान में रहेगा।
डॉ. बिंदल ने कहा कि हिमाचल के ई-विधान मॉडल को देश के ज्यादातर राज्य लागू करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष और भारत सरकार के स्तर पर सभी राज्यों को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने भी हिमाचल से सभी विधानसभा अध्यक्षों और सचिवों को प्रशिक्षण देने की संस्तुति मांगी है, जिसे दे दिया गया है।
इसी कड़ी में 21, 22 और 23 सितंबर को सात राज्यों के प्रतिनिधियों को एक साथ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में पंजाब, हरियाणा, जेएंडके, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश शामिल होंगे। हिमाचल में ई-विधान राष्ट्रीय अकादमी को भी सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।
Author: Viral Bharat
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