हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्यों द्वारा पंचायतों में भ्रष्टाचार की आई शिकायतों पर 15 दिन में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सरकार इसी साल पंचायत सचिवों के 300 पदों को भरेगी। यह बात ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी पंचायत की आई शिकायत पर अब प्रधान ही नहीं, बल्कि सचिव और तकनीकी सहायक भी बराबर जिम्मेदार होंगे।
वीरेंद्र कंवर गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस पर लाए गए संकल्प के उत्तर में बोल रहे थे। मंत्री के जवाब से संतुष्ट विधायर बलवीर सिंह ने बाद में अपना संकल्प वापस ले लिया।वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पंचायतों को विधायक और सांसद निधि से मिले धन के पंचायत को मिलने पर एक माह के भीतर निर्माण करना होगा और ऐसा न करने पर संबंधित ब्लॉक को नोटिस जारी होगा।
उन्होंने कहा कि इंटरलाकिंग टाइल्स की खरीद में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है और इस पर कहा कि घटिया टाइलें लगाई तो इसकी संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों से रिकवरी होगी। उन्होंने कहा कि अब स्ट्रीट लाइटों की खरीद हिमऊर्जा से ही होगी और 5 वर्ष तक इसका रखरखाव भी वे ही करेंगे।ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि राज्य में पंचायतों में हर वर्ष दो हजार करोड़ रुपए के कार्य होते हैं और इस राशि के कार्य को करवाने के लिए जितना स्टाफ चाहिए, वह उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभाग के पास इस समय 1069 तकनीकी सकायक, 322 जेई, 36 एसडीओ और 3 एक्सईएन हैं, जबकि जरूरत 2163 तकनीकी सहायक, 203 जेई 16 एसडीओ और 3 एक्सईएन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि कार्य के अनुपात में कर्मचारियों की जरूरत का आकलन किया जाए तो विभाग में कम से कम हर पंचायत में एक तकनीकी सहायक,5-6 पंचायतों के समूह पर एक जेई, 12 जिला स्तरीय सहायक अभियंताओं के अलााव दो विकास खंडों पर एक सहायक अभियंता व दो जिलों में एक-एक एक्सईएन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतों में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य होगा।
Author: Viral Bharat
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