April 29, 2024 4:56 am

ज्योतिष विश्लेषण : राहुल गाँधी 2019 में फिर से फिसड्डी साबित होंगे – ज्योतिषाचार्य सतीश शर्मा

सतीश शर्मा जो अपनी सटीक भविष्यवाणियों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने एक बार फिर से राहुल गाँधी के राजनैतिक जीवन पर ज्योतिष शोध और भविष्यवाणी करके चौंकाने वाले तथ्य पेश किये हैं. उनके अनुसार राहुल गाँधी सत्ता के जो सब्ज़ बाग़ देख रहे हैं वो फिलहाल ज्योतिष गणना के अनुसार कहीं भी किसी प्रकार पूरे होते नहीं दिख रहे, न ही राहुल गाँधी को किसी भी स्थिति में देश पे शासन करने का कोई प्रबल योग निकट भविष्य में नज़र आ रहा है. उनके अनुसार राहुल गंधी का राजनैतिक और व्यक्तिगत जीवन भटकाव में ही रहेगा, तथा उनको ऊल जलूल सलाहें देबे वाले उनके खास सहयोगी ही उनका सबसे ज़यादा नुकसान करने के कारण बनते रहेंगे !

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राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970, शुक्रवार रात्रि 9:52 पर दिल्ली में हुआ था। उनके जन्म के समय पूर्व क्षितिज पर मकर लग्न का उदय वृष नवांश में हो रहा था। पंचम नवांश होने से जातक सभी धनसंपदा युक्त, प्रतिष्ठित, अपने वर्ग का राजा होता है। देखने में सुंदर, आकर्षक होता है। राहुल गांधी की कुंडली में मकर लग्न का स्वामी शनि अपने शत्रु मंगल की राशि में नीच का होकर मंगल के ही नवांश में स्थित है। ऐसा होने पर जातक भाषा पर संयम नहीं रख पाता है, निंदा में अधिक रुचि लेता है, ठगी करने वाला होता है, विधर्मी, किसी भी धर्म पर आस्था ना रखकर आडंबर करने वाला होता है। स्वार्थी मित्रों से घिरा हुआ रहता है। राजा से भी बढ़कर विख्यात होता है।

राहुल गांधी की कुंडली में 2 ग्रह बुध एवं गुरु वर्गोत्तम नवांश है जिनके कारण वह तर्क- वितर्क, कुतर्क करके एक वर्ग विशेष के लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। स्वयं की मान्यताओं पर अंधविश्वास कर दूसरों के विचारों को अस्वीकार कर के अपनी कार्यप्रणाली निर्धारित करता है। राहुल गांधी का जन्म मूल नक्षत्र के तीसरे चरण में हुआ है। तीसरे चरण के अनुसार ऐसा जातक स्वयं के लिए ही अरिष्ट होता है अर्थात जो कार्य करेगा या योजना बनाएगा उससे अपने तथा उस समूह/पार्टी का नुकसान करेगा जिसका वह नेतृत्व करता है।

मूल नक्षत्र के होने से अपने जीवन काल में परिवार में हत्या द्वारा अकाल मृत्यु देखने का दुर्भाग्य भी प्राप्त हुआ। 31 अक्टूबर 1984 को दादी स्व. इंदिरा गांधी एक आतंकवादी घटना का शिकार हुईं, उस समय राहुल गांधी की जन्म राशि पर गुरु गोचर कर रहा था तथा अंतर्दशा भी गुरु की चल रही थी। 21 मई 1992 को राहुल गांधी ने अपने पिता स्व. राजीव गांधी को पेरंबदुर में एक बम धमाके में खो दिया, उस समय राहुल गांधी को शनि की साढ़ेसाती चल रही थी। राहुल गांधी को राहु की महादशा में राहु का अंतर 3 दिसंबर 2016 से प्रारंभ होकर 19 अगस्त 2019 तक चल रहेगा। देश में चुनाव होने का समय मार्च-अप्रैल-मई 2019 है।

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जिन दिनों राहुल गांधी को राहु की महादशा में राहु का ही अंतर तथा सूर्य एवं चंद्रमा का प्रत्यंतर रहेगा, साथ ही शनि ग्रह की साढ़ेसाती का दूसरा चरण भी रहेगा। यह समय राहुल गांधी के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इस समय कड़ी मेहनत का कोई फल नहीं मिलेगा। साथ ही मानसिक अवसाद के कारण सोच कुंठित रहेगी, जिसका उनकी वाणी पर प्रभाव पड़ेगा। आडंबर अधिक करने पड़ेंगे। वाणी द्वारा या किसी और प्रकार से किए गए विरोधियों पर आक्रमण अपने ही गले की फांस बन कर चुनाव में नुकसान पहुंचाएंगे। कई घोटालों के उजागर होने से नुकसान होगा तथा प्रतिष्ठा की क्षति होने से चुनाव में कांग्रेस पार्टी को नुकसान होगा। कोर्ट से कोई भी राहत नहीं मिलेगी।

राहुल गांधी की कुंडली में सरकार के किसी भी मंत्री पद या प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के लिए कोई भी राजयोग विद्यमान नहीं है ना ही कुशल नेतृत्व करने के लिए योग्यता उनकी कुंडली में दृष्टिगोचर होती है। लग्न का स्वामी शनि चतुर्थ भाव में नीच राशि तथा चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल शत्रु भाव में है इस कारण उनमें जनमानस की सोच के साथ तालमेल बिठाने का अभाव रहेगा। जैसा आप लोगों ने अभी देखा सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी से दुश्मनी निभाने के चलते शत्रु के पाले में ही खड़े होकर भाषण बाजी कर अपनी ही पार्टी का नुकसान कर गए। कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश का मनी लॉन्ड्रिंग घोटाला ‘चौकीदार चोर है’ का नारा, राफेल पर स्टैंड सभी कुछ राहुल के लिए राहु की महादशा और शनि की साढ़ेसाती के कारण उल्टा ही पड़ेगा और कांग्रेस का प्रदर्शन 2014 के लोकसभा चुनाव जैसा ही रहेगा।

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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