कोरोना वायरस से बचाव के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना बहुत ही जरूरी है। सभी लोगों को चाहिए कि वह सावधानी बरतें। सरकार जागरूकता के जो अभियान चला रही है, उनका पालन करें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनके घर में ही काफी कुछ मौजूद है।
कोरोना से बचाव के लिए चिकित्सकों की नजर में सबसे जरूरी रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना है। एक मजबूत रोग-प्रतिरोधक क्षमता किसी भी वायरस के संक्रमण से बचा सकती है। डायटिशियन व न्यूट्रिशियन अंशिता भांबरी कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रही हैं, जो डाइट में शामिल कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह खाद्य पदार्थ एंटी-वायरल और इम्युनिटी बूस्टर जैसे गुणों से भरपूर हैं-
पालक : यह विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और एंट्री ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।
दालचीनी : दालचीनी का सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने के साथ-साथ शरीर की इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाता है।
कच्ची हल्दी : इसका उपयोग शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर, दिल की बीमारियों, हार्ट अटैक, हृदयघात, आंख की बीमारियों, त्वचा रोग आदि से बचाता है।
ऑलिव ऑयल : रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले कंपाउंड जैसे औलिक एसिड, ओलियोकैंचल से भरपूर होता है।
ग्रीन टी : अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली को शांत रखने में सक्षम।
व्रोकली : इसमें विटामिन सी होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह फ्लू वायरस से दूर रखती है।
हरे रंग वाले सेब : यह सेब की एक किस्म होती है। इसमें मौजूद पॉलीफिनोल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
अंगूर का जूस : इसमें बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
लहसुन और प्याज : यह जेनेटिक बीमारियों से बचाता है। इसे प्राकृतिक दवा कहा जाता है। यह कैंसर, संक्रमण और सर्दी-जुकाम की रोकथाम करता है।
जौ : इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। दिल के लिए फायदेमंद है।
मुलेठी का सेवन करके भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटी-वायरल गुण किसी भी प्रकार के वायरल संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है। कोरोना वायरस का संक्रमण भी वायरल संक्रमण से मिलता जुलता है। मुलेठी खांसी में भी कारगर है।
मशरूम भी शरीर को रोगों से बचाने में मदद करता है। मशरूम में बीटा-ग्लूकोन होता है, जो एंटीवायरल और इम्युनिटी बूस्ट करने का गुण रखता है।
विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है, जिससे आपको कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कई गुना तक कम हो जाएगा। विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य को ही माना जाता है। सूर्य से आपको विटामिन डी की पूर्ति, ये सूर्योदय के कुछ देर बाद तक ही मिलती है। विटामिन डी के लिए अपनी डाइट में सालमन मछली और दूध को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा फोर्टीफाइड फूड्स ( ऐसे फूड्स जिनमें अलग से विटामिन को शामिल किया जाता है) के जरिए भी आप विटामिन डी का सेवन कर सकते हैं।
रोगों से बचाव और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने घर बैठकर कुछ योग कर सकते हैं। जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को…
त्रिकोणासन : त्रिकोणासन को त्रिभुज आसन भी कहा जाता है। इस आसन को ये नाम इसकी त्रिभुज जैसी आकृति की वजह से मिला है। ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले सबसे अच्छे आसनों में से एक है। त्रिकोणासन विन्यास शैली का आसान योगासन है। इस आसन का अभ्यास 30 सेकेंड तक 5 से 10 बार गहरी सांसें लेने तक किया जाता है।
भ्रामरी : भ्रामरी प्राणायाम इम्युनिटी को कई गुना तक मजबूत कर सकता है।
कैसे करें : भ्रामरी प्राणायाम के लिए सबसे पहले घर में किसी शांत जगह पर बैठ जाएं। अब अपने हाथों को सिर के पास ले जाएं और अपने दोनों अंगूठों से दोनों कानों को बंद कर लें। अब दोनों तर्जनी उंगलियों को अपने माथे पर रख लें। अब बची हुई तीनों उंगलियों से अपनी आंखों को बंद कर लें। अब एक गहरी सांस लें और नासिका के सहारे ॐ का उच्चारण करते हुए नाक से सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को कम से कम 5 से 7 मिनट तक किया जाता है।
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कपाल भांति : यह प्राणायाम पदमासन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठकर किया जाता है। इसमें श्वास को शरीर के अंदर लेकर बाहर की तरफ वापस निकालना पड़ता है।
फायदा : शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। फेफड़ों की कार्यशीलता बढ़ती हैं।
आहार में ये शामिल करें और बढ़ाएं इम्युनिटी
बताया कि ग्रीन टी और ब्लैक टी, दोनों ही इम्युन सिस्टम के लिए फायदेमंद हैं। एक दिन में इनके एक से दो कप ही पिएं , ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से नुकसान हो सकता है। कच्चा लहसुन खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में एलिसिन, जिंक, सल्फर, सेलेनियम और विटामिन ए व ई आदि पाए जाते हैं।
जंक फूड खाने से बचना चाहिए : जंक फूड खाने से शरीर की पाचन क्षमता कमजोर हाेती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजाेर होती है।
भस्त्रिका : भस्त्रिका योग सीधे बैठकर किया जाता है। इसमें मुंह को बंद करके नाक से लंबी सांस लेनी होती है। इसके बाद श्वास को छोड़ा जाता है। प्राणायाम 5 मिनट तक करना होता है।
भुजंगासन : भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है। ये सांप के उठे हुए फन के जैसा दिखता है। भुजंगासन सूर्य नमस्कार आसन का हिस्सा है। भुजंगासन को अष्टांग योग में बेसिक लेवल का आसन माना जाता है। इसका अभ्यास 15-30 सेकेंड तक 5-10 लंबी सांसें लेने तक किया जाता है।
ताड़ासन : इस मुद्रा को दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। यह आसन को करते समय पेट खाली होना चाहिए। यह आसन 10 से20 सेकंड तक किया जाता है। यह आसन पाचन तंत्र को सुचारू कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है।
अनुलोम-विलोम : प्राणायाम में दायीं नासिका में दो सैकंड तक श्वास लेकर चार सैकंड श्वास काे राेककर बायीं नासिका से एक सैकंड में श्वास छोड़ी जाती है। इसके बाद बायीं नासिका से यहीं प्रक्रिया वापस दाेहरानी होती है।
योग निद्रा : यह याेग 45 मिनट तक साफ स्वच्छ स्थान पर लेटकर करना होता है। आंखों को बंद करते हुए श्वास को बाहर फेंक पक्षियों के कलरव को सुनना चाहिए। पैर की अंगुलियों पर ध्यान देकर श्वास का ध्यान रखना चाहिए। अपनी हथेलियों को ऊपर की तरफ रखना चाहिए। दोनों पैरों के बीच एक फीट की दूरी हाेनी चाहिए। इस प्रक्रिया में शरीर के हर एक अंग का ध्यान रखते हुए श्वास पर ध्यान देना चाहिए। इस दाैरान नींद नहीं निकालनी है।
फायदे : इस प्रक्रिया में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर में मन, बुद्धि, चेतना का विकास होता है अाैर एकाग्रता बढ़ती है।
Author: Viral Bharat
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