भारत में मोदी जी के नोट बंदी के फ़ैसले के बाद से अभी भी विपक्षी दलों के कनेताओं और कुछ तथाकथित इंटलेक्चुअल “नोट बंदी” के फ़ैसले पर संदेह की स्थित में है, जबकि देश की जनता परेशानी झेल कर भी मोदी जी के साथ खड़ी है.
दुनिया में मोदी जी के इस फ़ैसले की जमकर प्रशंसा की जा रही है. वेनेजुएला की सरकार ने तो मोदी जी की स्टाइल को कॉपी करते हुए, 72 घंटों के भीतर देश के सबसे ऊंचे मूल्य के बैंक नोट को सिक्कों से बदलने की घोषणा की है. यानि दूसरे देशों में अभी भी मोदी का जादू बरकरार है. मोदी सरकार के नोट बंदी के फैसले से लंबे समय से चली आ रही खाद्य और दूसरी बुनियादी चीजों की कमी और तस्करी की समस्या से निपटने में मदद मिलती दिखाई दे रही है. नोट बंदी के बाद से कई दिनों से कर्फ्यू में जल रहे कश्मीर” में अचानक से शांति बहाली हो गयी.
नोट बंदी से नुक्सान नेताओं को अधिक हुआ है या नक्सलवादियों/आतंकवादियों और ब्लैक मनी रखने वालो को, आम लोगों के बीच अभी तक यह चर्चा का विषय बना हुआ है. गंभीर आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे वेनेजुएला में महंगाई दर दुनिया में सबसे अधिक है.सरकार ने 2015 के दिसंबर में महंगाई दर के आंकड़े जारी किए थे जिनके मुताबिक वेनेजुएला में महंगाई दर 180 फीसदी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक वेनेजुएला में अगले साल 2000 फीसदी की दर से कीमतें बढ़ सकती हैं.
राष्ट्रपति निकोलस ने टेलीविजन पर फैसले के बाद कहा, “मैंने हवाई, समंदर और सड़क के सभी रास्तों को बंद करने का हुक्म दिया है ताकि धोखाधड़ी से इकट्ठा किया गया पैसा विदेशों में ही फंसा रह जाए. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कहा है कि नोटबंदी से सरहदी इलाकों में तस्कर गिरोहों को पैसा ठिकाने लगाने की मोहलत नहीं मिलेगी.
भारत के इन नेताओं जैसे केजरीवाल,ममता,माया-मुलायम और राहुल इनको राजनीति करनी है इसलिए यह लोकसभा चलने नहीं दे रहे अन्यथा जिन को देश का हित प्यारा है वो अपने देश में भी “विमुद्रीकरण”कर रहे है.
Author: Viral Bharat
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