कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या उत्तर प्रदेश में 42 हो गई है. पूरा देश लॉक डाउन है. ऐसे में यूपी सरकार कोरोना संकट से निजात दिलाने के लिए रात दिन एक किए हुए. लेकिन वेशर्म विरोधियों को ये हजम नहीं हो रहा है इसलिए सरकार को लेकर उलटी सीधी खबरें कई मीडिया पोर्टल पर देखने को मिली हैं जोकि बिलकुल गलत हैं।
योगी सरकार को बदनाम करने के लिए एक खबर चलाई गयी की वनवासियों को खाना नहीं मिल रहा इसलिए वो घास खाने को मजबूर हैं। योगी सरकार ने जब इसकी जांच करवाई तो उसकी सचाई आपके सामने है। एक प्रोपोगेंडा योगी सरकार के काम को देखकर बौखलाए विरोधी चला रहे हैं जिसकी पोल भी खुल गयी। नीचे तस्वीर में देखें किस तरह डीएम अपने बेटे के साथ वो ख़ास दाल खा रहे हैं जिसे घास का नाम दिया था।
बच्चे घास नहीं ये सब खा रहे थे , आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि ये कदन्न यानि मोटे अनाज में आता है। अखेरी, मोठ , बटुरी बोलते हैं इसको जैसा की आप ऊपर तस्वीर में देख रहे हैं डीएम खुद अपने बच्चे के साथ ये खा रहे हैं। लेकिन विरोधियों ने इस खबर को योगी के खिलाफ चलाने की कोसिस की जिसकी पोल अब खुल चुकी है। आपको हम बता दें गरीबों के लिए इस बुरे वक़्त में सबसे ज्यादा काम कर रहे है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
Update : Comm Varanasi has spoken to them , they are 38 people in two groups,lodging & food assured, one needed medical assistance same has been provided. All r ok https://t.co/VK2UIA36u3
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) March 26, 2020
ये भी पता चला है की जिन पत्रकारों ने ये खबर छापी है वो कांग्रेस नेता अजय राय के करीबी है| २६ मार्च को यह खबर छापी गयी और उसके कुछ ही देर में कांग्रेसी नेता वह पहुंच गए और उनकी तस्वीर को एक न्यूज़ बना कर फिर से चला दी गयी| ग्राम प्रधान ने भी इस बात की पुष्टि की है बच्चे घास नहीं बल्कि फल्ली खा रहे थे तभी ये पत्रकार वह पहुंच कर तस्वीर लेने लगे|
योगी सरकार द्वारा आम जनता के लिए सब छोटे बड़े कदम उठाये जा रहे हैं।
योगी सरकार द्वारा पंजीकृत लाखों दिहाड़ी मजदूरों के खाते में 1000 रुपये भेजे जा चुके हैं. जो पंजीकृत नहीं हैं, उनको भी यह रकम पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. आइए जानते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने कौन-कौन सी योजनाएं चला रखी हैं.
डोरस्टेप डिलीवरी से नहीं होगी कोई दिक्कत
जनसामान्य की सुविधा/व्यवस्था हेतु जनपद के विकास खण्डों और नागर निकायों में आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्य पदार्थों जैसे दूध,राशन,फल,सब्जी, दवाओं आदि के दुकानदारों का सम्पर्क नम्बर सहित विवरण,उल्लिखित मो0नं0 पर फोन कर अपने आवश्यकता की वस्तुए घर तक मंगाए#uppolice @adgzonevaranasi @ANI pic.twitter.com/LjvmDinOUK
— Chandauli police (@chandaulipolice) March 25, 2020
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान देना है कि डोर स्टेप डिलीवरी में मूल्य सम्बन्धी किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एपीसी की अध्यक्षता वाली कमिटी को कम्युनिटी किचन को चालू करने के लिए निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न होटल,फास्ट फूड मेकर्स,मिड-डे मील संस्थाओं,धर्मार्थ संस्थाओं, मठ, मंदिर, गुरुद्वारे आदि जहां भी बड़ी मात्रा में सुरक्षित फूड तैयार हो सकता है, वहां फूड पैकेट्स तैयार करके मजदूरों के लिए व्यवस्था की जाए।
‘डोरस्टेप डिलीवरी’ के लिए 12,123 वाहनों की व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि तीन बजे तक की सूचना के अनुसार प्रदेश के सभी मंडलों में लगभग 5,419 मोबाइल वैन, ई-रिक्शा, ट्रैक्टर या मोटर गाड़ियों से ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री @SushilModi जी से वार्ता कर उन्हें आश्वस्त किया कि बिहार राज्य जाने वाले सभी व्यक्तियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और सभी को सुरक्षित उनके गंतव्य स्थल तक भेजा जाएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 26, 2020
अब तक ठेला, हाथगाड़ी, मैनुअल गाड़ियों में कुल 6,704 गाड़ियों को चिन्हित किया जा चुका है। इनको जोड़ दिया जाए तो ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ के लिए 12,123 वाहनों की व्यवस्था हो गई है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर और लखनऊ में मेडिकल शॉप के बाहर चॉक से निशान बनाकर (सोशल डिस्टेंसिंग) दवाओं का वितरण किया जा रहा है।
श्रम विभाग
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर श्रम विभाग दिहाड़ी मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता दे रही है. प्रदेश के अंदर श्रम विभाग में 20 लाख 37,000 पंजीकृत श्रमिकों को भरण-पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा है. इस पर सरकार करीब 203 करोड़ रुपए का व्यय वहन कर रही है.
अंत्योदय योजना और दिहाड़ी मजदूर
इसके साथ ही अंत्योदय योजना में ग्रामीण क्षेत्र के 37 लाखऊ 51,000 लाभार्थी, अंत्योदय योजना में शहरी क्षेत्र के 3,43,000 लाभार्थी और असंगठित मजदूर (दिहाड़ी मजदूर) 15,60,000 लाभार्थी शामिल हैं. इन्हें भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से इनके अकाउंट में भेजा जा रहा है.
नगर विकास विभाग
प्रदेश के अंदर ठेला, खोमचा, रेहड़ी और रिक्शा चलाने, साप्ताहिक बाजार आदि का कार्य करने वाले करीब 15 लाख लोगों को नगर विकास विभाग एक हजार रुपए भरण-पोषण के लिए मुहैया करवा रही है. इसे भी डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जा रहा है. इस पर सरकार का करीब 150 करोड़ रुपए का व्यय भार अऩुमानित है.
मनरेगा
मनरेगा के मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार से करीब 556 करोड़ रुपए की धनराशि के भुगतान की कार्यवाही तत्काल मार्च 2020 में ही कराई जा रही है. इसके तहत 88,40,000 मनरेगा श्रमिकों को तत्काल भुगतान किया जा रहा है.
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग
सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से प्रदेश के सभी 1 करोड़ 65 लाख 31,000 श्रमिकों को दो महीने तक निशुल्क राशन मुहैया करवाया जा रहा है. इसमें प्रति परिवार को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त दिया जा रहा है. इस पर सरकार का करीब 64.50 करोड़ का व्यय भार आएगा.
समाज कल्याण विभाग
प्रदेश में लागू विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत 83 लाख 83,000 लाभार्थियों को दी जाने वाली त्रैमासिक पेंशन की धनराशि को अब दो माह की अग्रिम पेंशन दी जा रही है. इसमें वृद्धावस्था पेंशन के 46 लाख 97,000 लाभार्थी, दिव्यांगजन पेंशन के 10 लाख 76,000 लाभार्थी, निराश्रित और विधवा महिला पेंशन के 26 लाख 10,000 लाभार्थी शामिल हैं.
छूटे असहाय लोगों की जिला प्रशासन और नगर निकाय करेगा मदद
इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति तथा नगरीय क्षेत्रों में उपजिलाधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट व संबंधित नगर निकायों के आयुक्त व अधिशासी अधिकारी की समिति की संस्तुति पर 1000 रुपए प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
डोर टू डोर डिलीवरी
जिला प्रशासन व अन्य विभाग जुटकर आवश्यक वस्तुओं को (डोर स्टेप डिलीवरी) घर-घर डिलीवरी शुरू कर रहे हैं. सिविल सप्लाइज की व्यवस्था के लिए एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) की अध्यक्षता में कमिटी गठित हुई है. यही नहीं सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है, इसके लिए कम्युनिटी किचन चालू किया जा रहा है. ‘डोरस्टेप डिलीवरी’ के लिए 12,123 वाहनों की व्यवस्था की गई है.
लॉकडाउन की इस परिस्थिति में उ.प्र. की जनता का दैनिक जीवन सुचारू रूप से चलता रहे,इस हेतु घर-घर आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जा रही है। 5 लाख से अधिक गरीब परिवारों को आर्थिक सहयोग के लिए धनराशि हस्तांतरित करने के साथ अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं।
स्वस्थ रहें-घर पर रहें pic.twitter.com/VNWNEteolE
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 26, 2020
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की कवायद
अब तक प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड चिन्हित किए हैं. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 18001805145 जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इमरजेंसी सेवाएं चालू की गई. जिलों में सीएचसी को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया है. जिले स्तर पर जो अस्पताल हैं उन्हें लेवल 2 का अस्पताल बनाया गया है. तीसरे लेवल के लिए चिकित्सा शिक्षा द्वारा बनाए गए विशिष्ट अस्पतालों को शामिल किया गया है.
सीएम हेल्पलाइन पर स्वास्थ्य से जुड़ी शिकायत कर सकते हैं
हेल्पलाइन 1076 से 10 हजार प्रधानों को फोन किया गया है और पिछले दो हफ्तों में बाहर से आये लोगों की जानकारी ली गई. जिलों में कंट्रोल रूम बनाया गया है. सभी विधायक, एमएलसी, मंत्री अपनी निधि से मेडिकल साधनों के लिए धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं. लॉक डाउन के वक्त पूरे प्रदेश में एक सफाई अभियान चलाया जा रहा है.
अब तक 1788 एफआईआर
प्रदेश में अब तक 1788 एफआईआर धारा 188 के उल्लंघन में दर्ज और 5592 लोगों का चालान किया गया. अब तक 6082 बैरियर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लगाए गए. अभी तक 38 पीड़ितों की संख्या सामने आई है.
Author: Viral Bharat
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