सड़कों के निर्माण कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर काफी सख्त नजर आ रहे हैं। आये दिन जिस तरह सड़क निर्माण को लेकर शिकायतें आ रही हैं उस पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सख्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की दोटूक, रोक दिया जाएगा संबंधित ठेकेदारों का भुगतान। निर्माण कार्य के बाद सड़कों की टायरिंग उखड़ने पर पीडब्ल्यूडी के अफसर पर सदिहि करवाई की जाएगी ।
लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़कों की गुणवत्ता पर तल्ख तेवर दिखाए हैं। उन्होंने दो टूक आदेश जारी किए हैं कि मार्गों के उखड़ने पर संबंधित अधिकारी सस्पेंड होंगे और ठेकेदारों का भुगतान रोका जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं पर विभाग की खिंचाई करते हुए सीएम ने कहा कि गुणवत्ता के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की सर्पीली सड़कों को विदेशों के हाई-वे की तर्ज पर सीधा किया जाएगा। टेढ़े-मेढ़ी सड़कों की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लघु सुरंगों का निर्माण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी तर्ज पर हिमाचल में अत्याधुनिक सड़कें बनाने के लिए फॉरेन फंडिंग की तरफ बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल निकास सुविधा सड़क स्वीकृति का एक मुख्य बिंदु होना चाहिए, क्योंकि प्रायः देखा गया है कि खराब जल निकासी के कारण सड़कों को भारी क्षति पहुंचती है।
1250 किमी नई सड़कें
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत इस वर्ष 2520 किलोमीटर नई सड़कों के निर्माण और 77 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। पीएमजीएसवाई-टू के अंतर्गत 1250 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
इस तरह बनें सड़कें
मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि लक्ष्यों की प्राप्ति तय समय सीमा के अंदर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण इस तरीके से होना चाहिए कि वे यात्रियों के लिए हर्ष का विषय हो तथा साथ में इनके निर्माण से प्रदेश में पर्यावरण को भी कम से कम हानि पहुंचे।
4115 ब्लैक स्पॉट सुधारे
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिटेनिंग वॉल, क्रैश बैरियर और पैरापिट्स के निर्माण के माध्यम से 4115 ब्लैक स्पॉटस का सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी नई सड़कों की स्वीकृति निष्पक्ष एजेंसी द्वारा सुरक्षा ऑडिट के उपरांत ही दी जाएगी।
डीपीआर में सड़क सुरक्षा ऑडिट
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में सड़क सुरक्षा ऑडिट डीपीआर का महत्त्वपूर्ण भाग होगा। उन्होंने कहा कि चल रही विभिन्न परियोजनाओं में देरी, परिणामस्वरूप बढ़ते खर्च के दृष्टिगत वन स्वीकृतियों में तेजी लाने के लिए चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जाना चाहिए।
Author: Viral Bharat
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