मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साफ़ कर दिया है किसी भी युवा के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। इस फर्जीवाड़े को लेकर जयराम सरकार को गुप्त सुचना मिली थी जिसके बाद करवाई को अंजाम दिया गया। अगर ये आरोपी नहीं पकडे जाते तो कितने पढ़े-लिखे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो जाता। मुख्यमंत्री की तरफ से साफ़ किया गया है जल्द ही दुवारा परीक्षा होगी जिसके लिए कोई अतिरिक्त पैसा नहीं लिया जायेगा। मुख्यमंत्री द्वारा तुरंत प्रभाव से SIT गठित करके इसकी जाँच के आदेश दिए गए है।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के परौर में पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े की आंच राजस्थान तक पहुंच गई है। मामले में हिमाचल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ एक आरोपित राजस्थान का भी है। अब विशेष जांच दल (एसआइटी) इन तीनों राज्यों की पुलिस के साथ समन्वयक बनाकर सभी आरोपितों के इतिहास को खंगालने में जुटी है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए छह और लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों की तलाश में एसआइटी ने कई स्थानों पर दबिश दी है।
जांच इस बात पर की जा रही है कि जो छह सॉल्वर पकड़े हैं, वे पहले भी इस तरह की फर्जी परीक्षाएं दे चुके हैं या पहली बार ही परौर आए थे। इस मामले में अभी तक 13 गिरफ्तारियां हुई हैं। सोमवार को आरोपितों को पालमपुर कोर्ट में पेश किया और 16 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
एसआइटी का मुखिया डीएसपी पालमपुर अमित शर्मा को बनाया है। परीक्षा हॉल में पकड़े गए सभी छह सॉल्वरों के पास एक्टिव ब्लूटूथ डिवाइस बरामद हुए थे। ये डिवाइस इंटरकॉम के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े थे और बाहर से इंटरकॉम पर सभी प्रश्नों के उत्तर बताए जाने थे। जांच में यह बात भीसामने आई है कि सॉल्वर बहुत अधिक पढ़ेलिखे नहीं थे। खुलासा हुआ है कि ये छोटा-मोटा काम करते थे और इनमें से एक चालक है। पुलिस मुख्य सरगना विक्रम सिंह निवासी दरकाटी (जवाली) को पुलिस सोमवार को शाहपुर व अन्य क्षेत्रों में निशानदेही के लिए ले गई थी। सोमवार को पुलिस ने आरोपित की हरियाणा नंबर की गाड़ी भी जब्त की है।
पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने बताया कि हिमाचल पुलिस हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस अथॉरिटी के संपर्क में है। इससे आरोपितों के पूर्व के रिकॉर्ड का पता चल सकेगा। एसआइटी प्रमुख अमित शर्मा ने बताया कि अभी मामले में और गिरफ्तारियां होंगी।
कौन होते हैं सॉल्वर
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए असली अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड स्कैन कर उनके फोटो के स्थान पर ऐसे लोगों के फोटो पेस्ट किए जाते हैं, जिन्होंने परीक्षा में बैठना होता है। अपराध की भाषा में इन्हें सॉल्वर कहा जाता है।
कांगड़ा में परीक्षा शुरू होने से पहले ही फजीवाड़े की सूचना मिली थी। सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। पुलिस विभाग को प्रतियोगी परीक्षा के लिए बेहतर प्रणाली अपनाने का निर्देश दिया
गया है। दोबारा परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
Author: Viral Bharat
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