May 19, 2024 2:35 am

15 साल से जो नहीं हुआ वो शुभ काम भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के हाथों होना ही लिखा है,जयराम सरकार का ये अगला बड़ा कदम

वाकनाघाट में प्रदेश का तीसरा आईटी पार्क निर्माण करने के लिए प्रदेश सरकार ने रोडमैप तैयार कर दिया है। नवंबर माह में धर्मशाला में होने वाली इन्वेस्टर मीट के दौरान निजी आईटी कंपनियोंं के साथ करोड़ों के प्रोजेक्ट के लिए एमओयू हस्ताक्षर किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वाकनाघाट में निर्माण होने वाले इस पार्क को योजनाबद्ध तरीके से विकास करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने आवेदन मांग लिए हैं।

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कंपनियां 31 अक्तूबर तक विभाग को अप्लाई कर सकती हैं। इस दौरान एल-1 कंपनी को वाकनाघाट में आईटी पार्क डिवेल्प करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह प्रदेश का तीसरा बड़ा आईटी पार्क होगा, जहां पर विभाग अंतरराष्ट्रीय स्तर की आईटी कंपनियों को यहां पर निवेश के लिए आमंत्रित करेगा। इसके लिए धर्मशाला में होने वाली इन्वेस्टर मीट में एमओयू हस्ताक्षर किए जाएंगे।

प्रदेश की राजधानी शिमला में प्रदेश का पहला आईटी पार्क स्थापित करने के लिए कार्य शुरू हो चुका है। धर्मशाला में दूसरा बढ़ा आईटी पार्क स्थापित किए जाने की प्रक्रिया भी जारी है। पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वाकनाघाट में आईटी पार्क का विकास किया जाना था, लेकिन तब यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।आज 15 साल हो चुके है कांग्रेस सत्ता में रही लेकिन आईटी पार्क नहीं बना पाई।

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राज्य की जयराम सरकार ने यहां पर बेकार पड़ी जमीन को उपयोग में लाते हुए इसे आईटी पार्क के रुप में विकसित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए विभाग विशेषज्ञों की मदद लेगा। वाकनाघाट में आईटी पार्क को बनाने के लिए 331 बीघा जमीन को डिवेल्प की जाएगी। यहां पर आधारभूत विकास से लेकर निवेशकों को दी जाने वाली सभी तरह की मूलभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। निर्माण कार्य शुरु करने से पहले कंपनी विभाग को बताएगी कि पार्क को किस तरह डिवेल्प किया जाए। किस तरह के आधारभूत ढांचे के निर्माण की जरूरत है। उधर, डा. रामलाल मार्कंडेय, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि वाकनाघाट में नया आईटी पार्क निर्माण करने के लिए सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर दिया है। धर्मशाला में होने वाली इन्वेस्टर मीट के दौरान निजी कंपनियों के साथ एमओयू हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद वाकनाघाट में आईटी पार्क निर्माण का रास्ता साफ होगा।

वाकनाघाट में आईटी विभाग की 331 बीघा जमीन पर बिन क्नेक्टीविटी आईटी पार्क नहीं बन सकेगी। वर्ष 2004 में पूर्व की वीरभद्र सरकार ने वाकनाघाट में आईटी विभाग को विकसित करने के लिए 331 बीघा जमीन देखी थी, लेकिन 15 साल बीतने के बाद अब जयराम सरकार इस जमीन को निजी क्षेत्र में निवेश करने की योजना बना चुकी है। आईटी विभाग की इस जमीन को विकसित करने के लिए सबसे पहले सड़क, बिजली व पानी के लिए विकास करना है, जो नहीं हो पाया था लेकिन अब जयराम सरकार के दृढ इरादों से लग रहा है सपना जरूर पूरा होगा और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा ।

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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