लखनऊ। आखिरकार अखिलेश साइकिल के असली मालिक बने. सपा में जारी जंग का पटाक्षेप हो गया. सोमवार चुनाव आयोग ने फैसला सुना दिया है। यह अखिलेश यादव के पक्ष में हुआ है। इसके अनुसार अब अखिलेश को पार्टी का नाम व चिन्ह साइकिल दोनों मिल गए हैं। अब वे पार्टी के आधिकारिक अध्यक्ष कहलाएंगे। गौरतलब है अखिलेश ने अपने समर्थक विधायकों के हलफनामे के साथ चुनाव आयोग में हलफनामा दायर कर दिया, वहीँ मुलायम सिंह बिना किसी तैयारी के बिना हलफनामे पहुच गए !
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश पर बड़ा हमला बोला। दोपहर में पार्टी दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह ने कार्यर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश ने उन्होंने मुस्लिमों की अनदेखी की है।वो मुस्लिम डीजीपी के खिलाफ था। वो मेरी बात नहीं सुनता। मैंने अखिलेश को तीन बार मिलने के लिए बुलाया लेकिन वो एक मिनट के लिए मिलने आए और चले गए। वहीं चुनाव आयोग के फैसले को लेकर उन्होंने साफ कहा कि जो भी फैसला आएगा उसे हम मानेंगे। अगर साइकिल चुनाव चिन्ह उनसे छीन लिया जाता है तो वो किसी दूसरे चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।
मंगलवार से उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। अखिलेश और मुलायम गुट के उम्मीदवार तो तय हैं लेकिन उन्हें अब तक यही नहीं पता कि वोट मांगेगे तो किस चिह्न पर।
हालांकि दोनों गुटों ने प्लान बी भी तैयार कर लिया है। साइकिल फ्रीज होने की दशा में पेड़ और खेत जोतता किसान जैसे चिह्न पर चर्चा हो चुकी है। लेकिन यह भी तय है कि नए चुनाव चिह्न के साथ उतरना शायद ही किसी को रास आए।
Author: Viral Bharat
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