कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 31 मार्च तक सभी तरह की परिवहन सेवाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के तहत राज्य में टैक्सी, मैक्सी कैब और ऑटो रिक्शा पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। अंतर राज्य परिवहन सेवाओं पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कांगड़ा जिला को लॉकडाउन कर दिया गया है, यहां कोरोना वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आए थे।
जबकि निजी वाहनों की आवाजाही पर केवल कांगड़ा जिला में ही प्रतिबंधित रहेगी।
नोट : सभी तरह की आवश्यक सेवाओं के लिए ही प्रशासन की निगरानी एवं मंज़ूरी से किसी भी श्रेणी के वाहन का उपयोग सम्भव होगा ।
अब प्रदेश के भीतर भी न तो हिमाचल परिवहन निगम की और ना ही निजी बसें चल पाएगी। सभी तरह के कांट्रैक्ट कैरिज वाहनों पर भी यह बंदिश लागू रहेगी। इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने रविवार को अधिसूचना जारी की। निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं दौड़ पाएंगे।
वह केवल उस स्थिति में ही चल सकेंगे यदि किसी व्यक्ति को आवश्यक वस्तुओं की खरीद करनी है अथवा किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना है। इसके लिए सरकार ने इंस्पेक्शन टीमें गठित की है। आरटीओ स्वास्थ्य विभाग पुलिस और जिला प्रशासन उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। एंट्री प्वाइंट पर इंस्पेक्शन की जाएगी इसके साथ ही 31 मार्च तक हिमाचल प्रदेश में ट्रेन की आवाजाही और कमर्शियल एयरक्राफ्ट की सेवाओं पर भी रोक लगाई गई है।
खाली लौटेंगी बसें
प्रदेश के जिन भागों में परिवहन निगम की बसें गई हुई थी, वे सब बसें सोमवार को सुबह खाली अपने संबंधित डिपो में वापस लौटेगी। इन बसों में सवारियों को बिठाकर नहीं लाया जाएगा।
लाइसेंस बनाने पर भी रोक
प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग ने लाइसेंस बनाने पर भी 31 मार्च तक रोक लगा दी है। ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य परिवहन सेवाओं के लिए अब परिवहन कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए वाहन मालिकों को ऑनलाइन सेवाओं का सहारा लेना पड़ेगा। इस संबंध में प्रधान सचिव परिवहन जेसी शर्मा ने अधिसूचना जारी की है। इसका मकसद परिवहन सेवाओं के लिए लोगों की भीड़ को कम करना है।
Author: Viral Bharat
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