May 15, 2024 7:02 pm

नोटबंदी से सिर्फ काले चोरों की नींद उडी थी,उसके खिलाफ की गयी CONGRESS रैली में हुआ कुछ ऐसा की कांग्रेस खुद हुई देश प्रदेश में शर्मसार

नोटबंदी एक ऐसा फैसला था जिसको लेने की हिम्मत किसी में नहीं थी लेकिन मोदी ने ये फैसला देशहित में लेकर दिखा दिया था की के लिए देश पहले है.नोटबंदी से किसी आम आदमी को कोई नुकसान नहीं हुआ था ये बच्चा बच्चा जानता है नुकसान सिर्फ काले चोरों जिनके पास काला धन था उन्हें हुआ था और आंतकियों नक्सलियों को हुआ था.पर आज उसके बावजूद भी कांग्रेस ने नोटबंदी का विरोध करके दिखा दिया की वो उन्ही काले चोरो के साथ खड़ी है जो देश लुटते थे दूसरी तरफ ये भी माना जाए तो गलत नहीं होगा की कांग्रेस के नेताओं ने भी नोटबंदी की वजह से अपना काला धन गवाया होगा !

नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच ऊना में कांग्रेस की गुटबाजी तब सामने आ गई, जब कार्यकर्ताओं ने ‘मोदी जिंदाबाद’ का नारा लगा दिया। रैली में पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र धर्माणी और कार्यकारी जिलाध्यक्ष विवेक शर्मा के बीच की तनातनी खुलकर सामने आई।

शुक्रवार को हुई इस रैली के लिए कांग्रेस भीड़ जुटाने में नाकामयाब रही। दोनों पदाधिकारी भीड़ न जुटा पाने की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते नजर आये। जिलाध्यक्ष वीरेंद्र धर्माणी ने पत्रकार वार्ता कर नोटबंदी का विरोध जताया तो वहीँ तय समय से दो घंटे देरी से पहुंचे कार्यकारी जिलाध्यक्ष विवेक शर्मा ने चंद कार्यकर्ताओं के साथ ही रोष रैली निकाली।

जब कांग्रेस के लोग खुद के कार्यकर्ताओं को साथ नहीं ला पाए तो ये काफी है समझने के लिए की नोटबंदी का विरोध सिर्फ राजनितिक है उससे ज्यादा कुछ नहीं। नोटबंदी से फायदे जो कांग्रेस कभी आपको नहीं बताएगी हम बताने जा रहे हैं.

चीफ इकोनॉमिस्‍ट डी.के. जोशी के मुताबिक नोटबंदी ने होम लोन सस्‍ता करने में मदद की है. नोटबंदी की वजह से बैंकों में काफी बड़ी मात्रा में डिपोजिट आया है. इसका फायदा बैंकों ने आम आदमी को सस्‍ते कर्ज के तौर पर दिया है. ये इसी से साबित होता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हाउसिंग दरों में 3 फीसदी तक कमी आई है. पिछले साल ये दरें जहां 10.5 से लेकर 12 फीसदी तक थीं, अब ये 8 से 9 फीसदी तक आ गई हैं.

नोटबंदी ने महंगाई पर भी लगाम कसने में मदद की है. इकोनॉमिस्‍ट डी.के. जोशी बताते हैं कि अवैध पैसे को खपाने के लिए फिजूलखर्ची बड़े स्‍तर पर की जाती है. इसकी वजह से सामान की कीमतें बढ़ती हैं. नोटबंदी के चलते कुछ हद तक यह पैसा सिस्‍टम में वापस आया है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से लगातार संदिग्‍ध ट्रांजैक्‍शन पर नजर रखी गई. इसकी वजह से इन ट्रांजैक्‍शन में काफी कमी आई. इसका फायदा महंगाई दर घटने के रूप में मिला. नवंबर, 2016 में महंगाई दर 3.63 फीसदी थी. वह जुलाई 2017 में घटकर 2.36 फीसदी पर आ गई.

 

नोटबंदी के चलते कैशलेश ट्रांजैक्‍शन बढ़ने में काफी मदद मिली है. नोटबंदी के दौरान कैश की किल्‍लत होने से न सिर्फ लोगों ने ज्‍यादा डिजिटल ट्रांजैक्‍शन किए, बल्कि सरकार की तरफ से भी इसके प्रोत्‍साहन के लिए काफी कदम उठाए गए. हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर, 2016 में जहां कैशलेस ट्रांजैक्‍शन का आंकड़ा 67.2 करोड़ था, वह फरवरी, में 76.3 करोड़ पर पहुंच गया.

नोटबंदी में 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने से नक्सलियों, आतंकवादियों और हवाला कारोबारियों की कमर जरूर बुरी तरह टूटी है.नोटबंदी ने फंडिंग की चेन तोड़कर नक्सलियों को कंगाल बना दिया है. वहीं ऐसी भी रिपोर्ट है कि टेरर फंडिंग पर नोटबंदी से करारी चोट पहुंचने से आतंकवादी भी बौखलाहट में लुटेरे बन गए और दर्जन भर से ज्यादा बैंक लूट की घटनाओं को अंजाम दे डाला.

नोटबंदी का अच्छा परिणाम ये भी देखने को मिला कि कश्मीर में पिछले साल के मुकाबले पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है.

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Author: Viral Bharat

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