May 5, 2024 10:08 pm

DGP बनाम निशांत शर्मा मामले में दिल्ली से आया नया मोड़, निशांत पर 1 करोड़ की मानहानि का दावा

 

हिमाचल/शिमला:

हिमाचल प्रदेश में डीजीपी बनाम निशांत शर्मा मामला लगातार चर्चाओं में है. इस मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई अभी चल रही है. लेकिन मामले में अब नया मोड़ राष्ट्रीय राजधानी से आया है. दिल्ली की साकेत जिला अदालत से हिमाचल के कारोबारी निशांत शर्मा के खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में कारोबारी निशांत शर्मा पर एक करोड़ की मानहानि का दावा किया गया है.

मामले में अब दिल्ली कारोबारी की एंट्री, निशांत पर 1 करोड़ की मानहानि का दवा

मामले में आप दूसरे पक्ष के कारोबारी सचिन श्रीधर की एंट्री हुई है. दिल्ली के कारोबारी सचिन श्रीधर ने निशांत पर एक करोड़ की मानहानि का दावा किया है. सचिन श्रीधर वही कारोबारी है जिनके खिलाफ निशांत शर्मा ने गुरुग्राम हमले को लेकर आरोप लगाए हैं. इसको लेकर दिल्ली की साकेत जिला अदालत से नोटिस भी जारी हुआ है. सचिन श्रीधर पक्ष के वकील की ओर से जारी बयान में कारोबारी निशांत शर्मा पर निराधार आरोप लगाकर कारोबारी सचिन श्रीधर को बदनाम करने का आरोप लगाए हैं. सचिन श्रीधर पक्ष के वकील का कहना है. कि निशांत शर्मा नाम के कारोबारी की ओर से सचिन श्रीधर पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है. इससे सचिन श्रीधर की छवि को नुकसान पहुंच रहा है लिहाजा निशांत शर्मा पर एक करोड रुपए के मानहानि के दावे के साथ मुकदमा दायर किया गया है.

हिमाचल DGP भी कर चुके हैं मानहानि का दवा, हिमाचल हाई कोर्ट में मामला विचाराधीन

उधर हिमाचल प्रदेश के डीजीपी भी इस मामले में कारोबारी निशांत शर्मा के खिलाफ पहले ही मानहानि का दावा कर चुके हैं. मामला अभी हिमाचल उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. दरअसल हिमाचल डीजीपी के खिलाफ कारोबारी निशांत शर्मा ने इसी मामले पर शिकायत दी थी. जिसके बाद डीजीपी की ओर से भी निशांत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई की गई. इसके बाद मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा है जहां अभी मामला विचार अधीन है.

गुरुग्राम से शुरू हुआ मामला, ऐसे पहुंच हिमाचल उच्च न्यायालय

दरअसल मामले की शुरुआत में कारोबारी निशांत शर्मा की ओर से कहा गया कि दिल्ली एनसीआर के अंदर गुरुग्राम में उन पर जानलेवा हमला हुआ. इसको लेकर उन्होंने गुरुग्राम में FIR भी दर्ज की. इसके बाद मामले में ट्विस्ट आया. निशांत शर्मा की ओर से कहा गया कि धर्मशाला में कुछ लोगों ने निशांत शर्मा को धमकाया और गुरुग्राम में की गई FIR को वापस लेने के लिए दबाव बनाया. इसी के साथ मामले ने तब नया मोड़ लिया, जब निशांत शर्मा की ओर से कहा गया कि हिमाचल प्रदेश डीजीपी कार्यालय से उन्हें बार-बार फोन करके शिमला बुलाया गया. इसके बाद निशांत शर्मा ने हिमाचल DGP के तरफ से उन पर दबाव बनाने की आरोप लगाए और पुलीस में शिकायत भी दी. ऐसे में यह मामला हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय तक आ पहुंचा. खैर मामला अभी विचाराधीन है और इस मामले में कांगड़ा पुलिस की ओर से स्टेटस रिपोर्ट हिमाचल हाईकोर्ट में दर्ज की जानी है.

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Author: Viral Bharat

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