पंजाब में बदलवाव की बात करने वाले कांग्रेसी बताएं की गाँधी परिवार सिखों से इतनी नफरत क्यों करते हैं ? Why Gandhi Family Hates Sikh Security Men ?
पूरे गांधी खानदान की सुरक्षा व्यस्वस्था देखि जाए तो उसमे एक भी सिख सुरक्षा अधिकारी या जवान नहीं है. क्योंकि 1984 के दंगो में जो सिखों के साथ अमानवीय बर्बरता कांग्रेस ने की उसी के भय और आत्मग्लानि के चलते 1984 के बाद गाँधी परिवार ने सिखों को महज़ आतंकवादी समझ लिया और उनपे भरोसा करना छोड़ दिया.
वयोवृद्ध अकाली नेता प्रकाश सिंह बदल की बातों में सच्चाई है की नेहरू के समय से सिख बिरादरी को नीच दिखाने के लिए कई षड्यन्त्र किये गए. हमेशा सिखों को तुच्छ बताया गया, अकाल तख़्त और गुरुद्वारों पे कब्जे करवाने के लिए नकली धर्मगुरु खड़े किये गए ताकि सिख समुदाय विभाजित हो. नेहरू के बाद इंदिरा गाँधी भी उसी षडयन्त्रों में उलझी रही और भिंडरांवाला भी उसी कड़ी का हिस्सा बना. प्रकाश सिंह बदल के अनुसार इंदिरा और कांग्रेस ने ये भरसक प्रयास किये की सिखों में कभी एकता न हो, क्योंकि पंजाब में अकाली राजनीती के आगे कांग्रेस की कोई औकात नहीं थी. इंदिरा के बाद तो सिख समुदाय को कांग्रेस ने दुनिया में महज़ आतंकी बिरादरी साबित करवा दिया, मीडिया, प्रेस, टीवी, हर जगह ऐसे दिखाया जाने लगा जैसे पूरी सिख कौम ही आतंकवादी है.
सबको मालूम है और इतिहास गवाह है की 1984 में कांग्रेस ने सिखों के साथ दिल्ली में कैसा बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया. आज तक उस भयानक मंजर को कोई नहीं भुला पाया.
कांग्रेस की सरकार केंद्र में होते हुए जो सिखों का कत्लेआम हुआ उसमे सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर दोनों कांग्रेसी नेताओं का बड़ा हाथ रहा. कांग्रेस के काले कारनामो से उससे हिन्दू सिख भईचारे में हमेशा के लिए दरार खिंच गई. जबकि हिन्दू और सिख समाज हेमशा से एक ही रहा है, हिन्दू समाज सिख गुरुओं का ऋणी है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुतिया दे के हिन्दू समाज की उत्तर भारत में मुग़लों से रक्षा की.
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com