May 3, 2024 6:35 am

हाटी को ST दर्जा देने वाली अधिसूचना पर HC का स्टे, संशोधन को हाईकोर्ट में मिली है चुनौती दर्जे के लिए हाटी के ज़रूरी मानदंड नहीं पुरे : वकील याचिकाकर्ता

 

हिमाचल/शिमला : 50 वर्षों से ज्यादा लंबे संघर्ष के बाद हाटी समुदाय को केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया. लेकिन मामला फिर प्रदेश में फंसा और साल भर के इंतजार के बाद प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जनजाति दर्जा दे दिया. इसको लेकर सरकार की ओर से पहली जनवरी को नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई. लेकिन अब एक बार फिर यह मामला उच्च न्यायालय में फसता हुआ नजर आ रहा है. हाटी को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के लिए हुए संशोधन को हिमाचल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसको लेकर 4 जनवरी को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. इस दौरान उच्च न्यायालय ने हाटी को ST दर्जा देने पर रोक लगा दी. उच्च न्यायालय ने सरकार की जारी की गई अधिसुचना पर स्टे लगा दिया. याचिका कर्ता पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि हाटी समुदाय अनुसूचित जनजाति दर्जा पाने के लिए कई जरुरी मानदंडों को पूरा नहीं करता है.

शिक्षा और आर्थिक दृष्टि से संपन्न एक क्षेत्र, ST दर्जा पानी के लिए जरूरी मानदंड नहीं पूरे : वकील याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता पक्ष के वकील रजनीश ने बताया कि ज़िला सिरमौर के गिरी पार इलाके के हाटी समुदाय को ST दर्जा देने को लेकर हुए संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. उन्होने कहा कि इसके लिए दो याचिकाएं हिमाचल हाईकोर्ट में दायर की गई थी. इस पर सुनवाई हुई, जिसमे उच्च न्यायालय ने हाटी को ST दर्जा देने को जारी की गई अधिसूचना पर रोक लगा दी. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति दर्जा पाने के लिए कई मानदंडों को पूरा करने की जरूरत होती है. जिसमें अलग जातीयता और पिछडापन होना आवश्यक है. लेकिन हाटी समुदाय कई मानदंडों पर खरा नहीं उतरता. उन्होंने कहा कि ST दर्जा प्राप्त करने के लिए आर्थिक रूप से पिछड़ होना जरूरी है. लेकिन इस क्षेत्र में एक ऐसा गांव भी है जो एशिया का रिचेस्ट गांव में शामिल होता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा स्तर भी बेहतर है. लिहाजा इस इन सभी बातों को संज्ञान में लेते हुए हिमाचल उच्च न्यायालय ने इस संवैधानिक संशोधन को पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है और अब मार्च में मामले पर अगली सुनवाई होगी.

क्षेत्र में अनुसूचित जाति के अधिकारों को संरक्षण देना ज़रूरी, अनुसूचित जनजाति दर्जे पर रोक लगाने के लिए HC का धन्यवाद

वहीं सिरमौर क्षेत्र के अनुसूचित जाति के याचिकाकर्ता और अधिकार संरक्षण समिति सिरमौर के अध्यक्ष अनिल कुमार मंगेट ने बताया कि ट्रांसगिरी पार्क क्षेत्र को अनुसूचित जनजातीय दर्जा देने से इस क्षेत्र के अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों पर संकट पैदा हो गया था ऐसे में उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ताकि क्षेत्र के शेड्यूल्ड कास्ट के अधिकारों की को संरक्षण दिया जा सके ऐसे में न्यायालय का धन्यवाद कि उन्होंने SC समुदाय के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए हाई कोर्ट क्षेत्र ने अनुसूचित जनजाति दर्जा देने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इस दर्जे के चलते पहले से प्राप्त अनुसूचित जाति दर्ज प्राप्त लोगों को इसका नुकसान हो रहा था ऐसे में पहले एससी कैटिगरी के लोगों के अधिकारों को सुरक्षित रखना जरूरी है.

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Author: Viral Bharat

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