अपनी हाज़िर जवाबी और डायलॉग्स के चौके छक्के मारने वाले BJP के भूतपूर्व सदस्य और राज्य सभा सांसद नवजोत सिद्धू को आम आदमी पार्टी और केजरीवाल ने झूठे झांसे में लिया, पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के सब्ज़ बाग़ दिखाए और BJP से स्तीफा दिलवा के बाद में धोखा दे दिया ! नवजोत सिद्धू के करीब रहे लोगों की माने तो केजरीवाल हमेशा की तरह झूठ मूठ के वादे कर के बाद में धोखेबाज़ स्टाइल में पलटी मार जाते हैं, कहीं न कहीं सिद्धू को भी जल्दबाज़ी में लिए निर्णय पे शायद पछतावा होता दिख रहा है. अपने राजनीती के 13 साल के करियर में सिद्धू का दमन साफ़ रहा है, उनपे किसी तरह का आरोप या छींटाकशी आज तक नहीं हुई. परन्तु पंजाब में बादल परिवार को सिद्धू से न जाने ऐसी कौन सी परेशानी रही की सिद्धू को पंजाब की राजनीती से किनारे करते करते बिलकुल हाशिये पे धकेल दिया !
जब सिद्धू भाजपा से निकलने के बारे में विचार कर रहे थे और चर्चाओं का बाजार गर्म था तो AAP के कुछ बड़े नेता सिद्धू के इर्द गिर्द मंडराने शुरू हो गए, वो जिस तरह की बातें कर के सिद्धू को AAP में शामिल करवाना चाहते थे उनमे सिद्धू को पंजाब का मुख्यमंत्री चेहरा बनाना शामिल था, जिससे सिद्धू उत्साहित हो बैठे और अन्नान फानन में और राज्य सभा एवम BJP से स्तीफा दे बैठे, बाद में सिद्धू केजरीवाल के सम्पर्क में आये तो अरविंद केजरीवाल के साथ लंबे समय से बातचीत भी चली, और बाद में केजरीवाल हर बार की तरह U -टर्न मार गए और सिद्धू को पंजाब के मुख्यमंत्री मुद्दे पे लटका दिया . इसकी जानकारी बाद में सिद्धू ने ही सार्वजनिक तौर पर तब दी जब उन्हें लग गया कि आम आदमी पार्टी में उनके लिए कोई अहम भूमिका नहीं हो सकती. जब प्रेस वार्ता में सिद्धू यह जानकारी दे रहे थे, उसी में उन्होंने केजरीवाल पर भी जमकर निशाना साधा और बताने की कोशिश की की केजरवाल की राजनीति में नैतकिता नाम की कोई चीज़ नहीं, और केजरीवाल सिर्फ गुलाटी मार के U – टर्न मारने वाले नेता है !
सिद्धू की वर्तमान स्थिति देख के प्रश्न उठता है की क्या क्यानवजोत सिंह सिद्धू अपनी सारी सियासी कमाई इसी तरह उठापटक में तो नहीं गंवा देंगे ? नवजोत सिद्धू को लगता था कि प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर भाजपा पंजाब का भला नहीं कर सकती. इसलिए उन्होंने उनके समर्थकों के साथ यह दवाब बनाने की कोशिश की कि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन टूट जाए. पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कर दिया कि गठबंधन बना रहेगा, तो इससे खिन्न हो के सिद्धू ने खुद को इस गठबंधन की राजनीति से दूर करने का फैसला किया, और केजरीवाल के झांसे मी आ गए !!
Author: Viral Bharat
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