April 27, 2024 2:11 pm

मेडिकल माफिया : कैसे करते हैं डॉक्टर और मेडिकल लेबोरेटरी वाले मिलीभगत से आपकी सेहत और पैसे से खिलवाड़ !

Medical Mafia

कैसे स्वास्थ्य के नाम दलाली और कंमिशन का खेल चलता है…जवाब देना शायद आसान नहीं है क्यूंकि ये सब परदे की पीछे चलता है …कई बार डॉक्टर सिर्फ दवाएं नहीं लिखता वो अपना पैसा बनाने का फार्मूला लिखता है, वो चाहता है की आप एक विशेष दवा लीजिये तो …उसे दवा कंपनी से कमीशन प्राप्त होगी। दिखावे के लिए वो कहता है “मैं प्रभावशालीता और सुरक्षा के सर्वोत्तम रिकॉर्ड के साथ सही दवा चुनता हूं और सबसे अधिक विश्वसनीय ….और हम मान लेते हैं, ज़िंदगी और मौत का सवाल जो होता है…

कई डॉक्टर मरीज़ की हैसियत से उसके जेब काटते हैं, वो सुनिश्चित करते हैं कि यह खरीदने के लिए रोगी की वित्तीय क्षमता में है या नहीं…अगर लगता है की मरीज़ बेशुमार पैसे वाला है तो बड़े बड़े टेस्ट, महंगी से महंगी दवाएं सुझाई जाती हैं….कई डॉक्टर इतने निष्ठुर होते हैं जो मरीज़ की मजबूरी उसकी परिस्थितिया बिलकुल नहीं देखते….उनके लिए मरीज़ एक ग्राहक है उस से ज़यादा कुछ नहीं…वो भूल चुके हैं हैं की रोग को ठीक करना एक पुण्य का काम समझा जाता था, पर आज ये मोती रकम बटोरने का माध्यम बन गया है !

lab test commission

भारत में स्वास्थ्य सेवाओं में कमीशनखोरी एक माफिया की तरह पनप गई है..अस्पतालों और मेडिकल क्लीनिक में घुस के देखो लगता है मानो आप किसी पढ़े लिखे अपराधी की गिरिफ्त में आ गए हों..आप को ऐसे एहसास करवाया जायेगा की बेटा ये झट से टेस्ट करवा ले, ये दवाई खरीद ले नहीं तो तू गया…और मरीज़ की हालत मरता क्या न करता हो जाती है और बिना देखे सुने वो झटपट डॉक्टर के निर्देशों को प्रभु का आदेश मान के अपनी जेब ढीली करने लगता है.

कई डॉक्टर एजेंटों के रूप में काम करने के लिए जनसंपर्क अधिकारियों को किराए पर लेते हैं। औरंगाबाद के एक न्यूरोसर्जन डॉ। जीवन राजपूत ने कहा, “ये एजेंट सामान्य चिकित्सकों के पास जाते हैं जो डॉक्टर के लिए काम करते हैं और रोगियों को भेजने के लिए प्रोत्साहन देते हैं।”

भारत में मेडिकल मुनाफाखोरी और कमीशन का खेल एक माफिया का रूप ले चूका है, कोई भी अस्पताल, प्राइवेट क्लिनिक चलाने वाला डॉक्टर या लैब खोल के टेस्ट करने वाला इस से अछूता नहीं है, ये एक सिस्टम है…मरीज़ के सेहत और पैसे से खिलवाड़ करने वाला गन्दा सिस्टम..इसमें अमीर तो झेल लेते हैं पर निम्न वर्ग और बहुत गरीब वर्ग इसकी मार सेहन नहीं कर पाते, और अक्सर इन मुनाफाखोर डॉक्टर्स और लैब चलने वाले कमिशन एजेंट्स की लूट से बर्बाद हो जाते हैं…कई अभागे पैसे न जूता पाने के कारन अपने जीवन से भी हाथ धो बैठते है ! इस पनपते रोग का निदान ज़रूरी है ..इस सारे दुष्चक्र को देख के लगता है की दुनिया मी आधी बीमारी शायद कमीशन और मुनाफाखोरी की कारण पैदा की जाती है !

अगर हमे इस कमिशनखोरी को रोकना है और सस्ता स्वास्थ्य सबके लिए उपलब्ध करवाना है तो हम नागरिकों को मिल के सरकारों पर इसके लिए दवाब बनाए होगा, मेडिका शिक्षा सस्ती और उपयोगी बनानी होगी, प्राइवेट मेडिकल इंस्टीटूट्स रद्द करके उन्हें सरकारी संस्थाएं बनाना होगा ताकि होनहार, मेहनती और ईमानदार डॉक्टर सेवा में आएं…न की कोरड़पति बाप की औलाद जो करोड़ों रुपया खर्च के प्राइवेट इंस्टीटूट्स से डॉक्टरी डिग्री ले लेते हैं और स्नातक होने के बाद करोड़ों रुपया मेडिकल लाइन और डॉक्टरों पेशे से कमाने के नए नएकमीशनखोर फॉर्मूले निकालते हैं !  

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Viral Bharat
Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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