अब ग्रामीण इलाकों में भी जमकर होगा विकास राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार ने भी खोला हिमाचल के लिए पिटारा।पंचायतों की और से किये जाने वाले विकास कार्यों में अब आएगी तेज़ी खराब सड़कों की हालत होगी ठीक.हिमाचल प्रदेश में पंचायतों के कामकाज के लिए केंद्र सरकार ने करीब 180 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह धनराशि चौदहवें वित्तायोग की सिफारिश के बाद जारी किए गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत और अन्य विकास कार्यों में तेजी आएगी।
विभिन्न योजनाओं में केंद्र ने 250 करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट रिलीज की है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने चौदहवें वित्तायोग की ओर से पंचायत राज्य मंत्रालय की संस्तुति के बाद ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 180.81 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
यह इस वित्त वर्ष की पहली किस्त जारी की गई है। तीन राज्यों गोवा, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश को कुल 1562 करोड़ रुपये एक साथ जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से पैसा रिलीज करने की सूचना प्रदेश सरकार के वित्त विभाग को मिल चुकी है।
केंद्र ने हिमाचल को बाल सुरक्षा योजना के तहत 4.25 करोड़ रुपये, स्टेट पुलिस कैडेट के लिए 36 करोड़ रुपये और पोषण अभियान के तहत दूसरी तिमाही को 3.36 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता जारी की गई है। 15 लाख रुपये नीली क्रांति यानी मछली पालन को दिए हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना में 5.63 करोड़ रुपये और एग्रो फोरेस्टरी सब मिशन में हिमाचल को 82 लाख रुपये जारी हुए हैं। पर्यटन विभाग के आधारभूत ढांचा विकास योजना में बैक टू बैक आधार पर 2.54 करोड़ रुपये मिले हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस वर्ष के लिए 11.55 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसमें सामान्य श्रेणी के व्यय को 8.91 करोड़ रुपये जारी किए हैं। स्पेशल कंपोनेंट प्लान में 2.13 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
यह पैसा अनुसूचित जाति वर्ग के प्रोजेक्टों पर खर्च होगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत भी 51 लाख रुपये जारी किए गए हैं। ये सख्त निर्देश भी जारी किए हैं कि जो पैसा
जिस श्रेणी को दिया जा रहा है, उसे वहीं खर्च किया जाए। यानी जो बजट अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आया है, उसे उसी श्रेणी पर खर्च किया जाए। इसे किसी अन्य श्रेणी के लिए डायवर्ट नहीं किया जाए।
Author: Viral Bharat
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