April 29, 2024 5:26 am

भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने 20 करोड़ डॉलर के परियोजना पर किए हस्ताक्षर

हिमाचल/शिमला:

 

 

 

भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्व बैंक ने 20 करोड़ डॉलर के परियोजना पर हस्ताक्षर किये जो हिमाचल प्रदेश में बिजली क्षेत्र में सुधार और बिजली उत्पादन में अक्षय ऊर्जा (आरई) की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद करेगा। यह राज्य की बिजली आपूर्ति को हरित बनाने के लिए अतिरिक्त 10,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा जोड़ने के राज्य के लक्ष्य में योगदान करेगा।

 

हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य अपनी 100 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति अक्षय एवं हरित ऊर्जा के जरिए करके 2030 तक ‘हरित प्रदेश’ बनना है। हिमाचल प्रदेश वर्तमान में अपनी 80 प्रतिशत से ज्यादा ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति पनबिजली से करता है। विश्व बैंक का हिमाचल प्रदेश बिजली सेक्टर विकास कार्यक्रम पनबिजली समेत इसके वर्तमान आरई संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने और इसके आरई संसाधनों को और विविधीकृत करने में राज्य की मदद करेगा। उदाहरण के लिए, यह राज्य में 150 मेगावाट की सौर क्षमता बढ़ाएगा जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में प्रति वर्ष 1,90,000 मीट्रिक टन से अधिक की कमी होगी।

 

समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव के मनिका राज ने हस्ताक्षर किए। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से निदेशक (ऊर्जा) हरिकेश मीना और विश्व बैंक की ओर से भारत के कंट्री डायरेक्टर, ऑगस्टे तानो कुआमें ने हस्ताक्षर किये।

 

भारत के लिए विश्व बैंक के कंट्री निदेशक अगस्ट तानो कुआमे ने कहा, “कार्यक्रम जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा खपत के स्थान पर हरित ऊर्जा के इस्तेमाल से स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएगा।’ उन्होंने कहा कि ‘इसके अलावा, कार्यक्रम एकल ऊर्जा व्यापार डेस्क स्थापित करने में हिमाचल प्रदेश की सहायता करेगा, जिससे वह अन्य राज्यों को अतिरिक्त पनबिजली को बेचने में सक्षम बनेगा।’

 

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कार्यक्रम अक्षय ऊर्जा में नये निवेश जुटाने के लिए भारतीय बिजली बाजार को एक टेम्पलेट उपलब्ध कराएगा।

 

हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में बिना रुके बिजली सप्लाई को कायम रखने में चुनौतियां बहुत ज्यादा है। ब्रेकडाउन की स्थिति में सप्लाई वापिस जोडने में अन्य किसी स्थान के मुकाबले ज्यादा समय लगता है। यह कार्यक्रम एक मजबूत ट्रांसमिशन एवं वितरण ग्रिड हासिल करने में मदद करेगा। यह मांग अनुसार प्रबंधन प्रणाली और आरई तक निर्बाध पहुंच के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियां लागू करेगा। पीक लोड अवधि के दौरान यह महत्वपूर्ण है जब राज्य को अन्यथा महंगी जीवाश्म आधारित बिजली पर निर्भर रहना पड़ता है। स्वचालित प्रणालियों की शुरुआत नागरिकों को स्वच्छ, विश्वसनीय चौबीसो घंटे बिजली आपूर्ति प्रदान करने, बिजली कटौती कम करने और उपभोक्ता शिकायतों को न्यूनतम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

 

यह कार्यक्रम राज्य के बिजली सेक्टर के उपक्रमों एवं एजेंसियों के पर्यावरणीय, सामाजिक, वित्तीय प्रबंधन, कॉरपोरेट प्रशासन और खरीद क्षमताओं को मजबूत बनाएगा। इसके अतिरिक्त, यह इस सेक्टर में, खासकर महिलाओं के लिए, विशेषीकृत तकनीकी एवं प्रबंधन क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करने में योगदान करेगा। कार्यक्रम की पूरी अवधि के दौरान एचपी बिजली उपक्रम लगभग 700 महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगे, उन्हें बिजली सेक्टर में तकनीकी भूमिकाओं में प्रशिक्षण देंगे। यह कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा लागू राष्ट्रीय प्रशिक्षण एवं संवर्धन योजना के तहत होगा।

 

कार्यक्रम के लिए टीम लीडर सुरभि गोयल एवं पीयूष डोगरा ने कहा कि ‘कार्यक्रम राज्य को हरित एवं निम्न कार्बन बिजली की ओर बढ़ने के लिए बिजली उपयोगिता सेवाओं में अच्छी एवं टिकाऊ प्रथाओं को प्रोत्साहन देगा’। उन्होंने कहा कि ‘यह देश में प्रथम ‘हरित प्रदेश’ बनने के राज्य के लक्ष्य में योगदान करेगा’।

 

अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा दिये जाने वाले इस 20 करोड़ डॉलर के ऋण की अंतिम परिपक्वता अवधि 14.5 वर्ष होगी जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि शामिल है।

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Author: Viral Bharat

From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com

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