हिमाचल में राज्य प्लानिंग बोर्ड की आज सोमवार को नए योजना आकार देने को लेकर अहम बैठक हुई । ये बैठक 7900 करोड़ रुपये के योजना आकार को मंजूरी देने के लिए की गयी। आपकी जानकारी के लिए हम बता इसमें सभी मंत्री और अधिकारी शामिल हुए बजट सत्र से पहले यह एक महत्वपूर्ण बैठक थीं।
वर्ष 2020-21 के लिए योजना बोर्ड ने 7900 करोड़ की वार्षिक योजना को मंजूरी दे दी है। इस बार सरकार सामाजिक क्षेत्र में ज्यादा फोकस करेगी, जिसके लिए 3500 करोड़ की योजनाओं का प्रावधान किया किया गया है। इस बार का योजना बोर्ड का बजट पिछले साल से 11 फीसदी ज्यादा है।
सामाजिक सेवा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए 3487.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जोकि पूरी वार्षिक योजना का 44.14 प्रतिशत है। परिवहन और संचार क्षेत्र के लिए 1393.89 करोड़ रुपये और कृषि तथा संबद्ध गतिविधियों के लिए 974.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। इसी प्रकार, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 508.05 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं और ऊर्जा क्षेत्र के लिए 499.05 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इसलिए राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए फसल उत्पादन बढ़ाने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, ताकि किसानों को अधिक उपज वाली फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए क्योंकि इससे न केवल उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी।
महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी बड़े स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि वे राज्य के विकास में सहयोगी बन सकेे। जय राम ठाकुर जी ने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की शिकायतों को उनके घरद्धार के समीप निवारण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि जन मंच और मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन 1100 आम आदमी के लिए वरदान साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गृहिणी सुविधा योजना से प्रदेश हर घर में गैस कनेक्शन सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के तहत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3226 पंचायतों में से केवल 80 पंचायतें सड़कों से जुड़ने के लिए शेष रह गई हैं।
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com