रितेश अग्रवाल : जब लोग कॉलेज में जाते हैं तब इन्होने बना दी 400 करोड़ की कंपनी
आपको शायद यकीन नहीं होगा की जब लोग कॉलेज जाते हैं और अपने दिन एन्जॉय करते हैं उसी उम्र में एक युवा जो की कॉलेज नहीं गया हैं लेकिन 400 करोड़ की कंपनी बना देता हैं | ऐसा कर दिखाया हैं ओयो रूम्स के मालिक रितेश अग्रवाल ने |
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शुरूआती जीवन – उनका जन्म 16 नवम्बर 1993 को उड़ीसा राज्य के जिले कटक बीसाम के एक व्यवसायिक परिवार में हुआ है। बारहवीं तक कि पढ़ाई उन्होंने जिले के ही एक स्कूल में की। घूमने के शौक़ीन रितेश जब बाहर घूमने जाते तो कम पैसे होने के कारण उन्हें सस्ते होटल्स में रुकना पड़ता और कई बार वो स्टेशन में भी सो जाया करते थे | आखिर उन्हें ये आईडिया आ गया |
ओरवल स्टे से ओयो रूम्स –वर्ष 2012 में उन्होंने अपने पहले स्टार्ट-अप Oravel Stays की शुरूआत की। इस कंपनी का उद्देश्य ट्रैवलर्स को छोटी या मध्य अवधि के लिए कम दामों पर कमरों को उपलब्ध करवाना था। जिसे कोई भी आसानी से ऑनलाइन आरक्षित कर सकता था। कंपनी के शुरू होने के कुछ ही महीनों के अंदर उन्हें नए स्टार्टपस में निवेश करने वाली कंपनी VentureNursery से 30 लाख का फंड भी प्राप्त हो गया। लेकिन पता नहीं क्यों उनका ये बिजनेस मॉडल आपेक्षित लाभ देने में असफल रहा और “ओरावेल स्टे” धीरे-धीरे घाटे में चला गया। वे परिस्थिति को जितना सुधारने का प्रयास करते, स्थिती और खराब होती जाती और अंत में उन्हें इस कंपनी को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।
ओयो –वर्ष 2013 में फिर ओरावेल लॉन्च हुआ लेकिन इस बार बिल्कुल नये नाम और मकसद के साथ। अब ओरावेल का नया नाम Oyo Rooms (ओयो रूम्स) था। जिसका मतलब होता है “आपके अपने कमरे”। इस बार रीतेश की मेहनत रंग लाई और सबकुछ वैसा ही हुआ जैसा वे चाहते थे। किफायती दामों पर बेहतरीन सुविधाओं के साथ ट्रैवलर्स को यह सेवा बहुत पसंद आने लगी। धीरे-धीरे ग्राहकों कि मांगो को पूरा करने के लिए कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 2 से 15, 15 से 25 कर दी गई। वर्तमान में ओयो में कर्मचारियों की संख्या 1500 से भी ज्यादा हैं। आखिर उनकी मेहनत रंग लाइ . रितेश की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं |
Author: Viral Bharat
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