RSS भारत देश का सबसे राष्ट्रवादी संगठन है जिसके बारे में मीडिया एयर राजनैतिक पार्टियां अक्सर दुष्प्रचार करती हैं और भ्र्म फैलाती हैं. RSS देश का एकमात्र संगत है जो कोई भी वपपत्ति, आपदा यार अन्य घटना होने पे देश के साथ कंधे से कन्धा मिला के खड़ा हो जाता है तथा इसके स्वयं सेवक जी जान लगा के लोगों को मदद करते हैं. संख्या के हिसाब से RSS दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी संगठन है, इसके कार्यकर्ता भारत देश के कोने कोने तक फैले हुए हैं. इसकी स्थापना से लेकर इसके विशिष्ट नियम हैं जो आज हम आपको बताएँगे ! दुनिया के सबसे बड़े स्वयंसेवी संस्थान, RSS (Rashtriya Swayamsevek Sangh) की. कोई कहता है कि ये तो सिर्फ हिंदुओं का संघ है कोई कहता है कि ये मुस्लिमों के खिलाफ है और कुछ तो ये भी कह देते है कि ये भारत के ही खिलाफ है। आज हम आपको आरएसएस के बारे में डिटेल से फैक्ट्स के माध्यम से बताने जा रहे है..
1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो 2025 तक 100 साल का हो जाएगा, कि स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने दशहरे के दिन की थी।
2. RSS का मुख्यालय नागपुर, महाराष्ट्र में है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत जी है जो ब्राह्मण जाति से संबंध रखते है। मोहन भागवत भारत के उन थोड़े से लोगो में से है जिन्हें Z+ सुरक्षा दी गई है।
3. 30 जनवरी, 1948 को बिड़ला भवन, दिल्ली में शाम 5 बजकर 10 मिनट पर नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या की थी। हत्या के बाद RSS का नाम उछाला गया। कहा गया कि गोडसे RSS का ही सदस्य है जबकि गोडसे ने RSS को सन् 1930 में ही छोड़ दिया था। इसी समय पूरी दुनिया को पता चला की भारत में कोई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम का कोई संगठन भी है। उसी समय देश के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने RSS पर बैन लगा दिया। नेहरू चाहते थे कि RSS को हमेशा के लिए बैन कर दिया जाए, लेकिन सबूतों के अभावों में सरदार पटेल ने ऐसा करने से मना कर दिया और जुलाई 1949 में RSS से बैन हटा लिया गया।
4. आरएसएस की पहली शाखा में सिर्फ 5 लोग(संघी) शामिल हुए थे लेकिन आज देशभर में आरएसएस की 60,000 से ज्यादा शाखाएँ है और एक शाखा में लगभग 100 स्वयंसेवक है। आज के समय में आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है।
5.लेकिन क्या वाकई में आरएसएस में महिलाएं नहीं है? इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए हमने आरएसएस से जुड़े लोगों से बात की. पता चला आरएसएस में महिलाओं की अलग विंग है जिसे राष्ट्र सेविका समिति कहा जाता है.पूरी दिल्ली में इसकी 100 से ज़्यादा शाखाएं है. देश भर में 3500 से ज़्यादा शाखाएं है. दक्षिण दिल्ली के ऐसी ही एक समिति में रोज जाने वाली सुष्मिता सान्याल से हमने बात की.सुष्मिता फिलहाल 40 साल की है. पिछले 16 साल से वो आरएसएस की महिला विंग राष्ट्र सेविका समिति से जुड़ी रही हैं. सुष्मिता को इस शाखा के बारे में 2001 में पता चला जब वो ब्रिटिश रेड क्रॉस के साथ लंदन में काम कर रही थी. सुष्मिता वहीं से राष्ट्र सेविका समिति के साथ जुड़ गईं.
RSS में महिलाएँ महिलायें शाखा नहीं लगाती हैं है : इसके दो मुख्य कारण है:
(i) RSS की शाखा सुबह और शाम को लगती है जो गृहिणी (महिला) के लिए सही नही है।
(ii) शाम की शाखा में भीड़ होती है। यहाँ पर बहुत से ऐसे गेम खेले जाते है जिनमें physical activity ज्यादा होती है। जैसे एक दूसरे को धक्का देना, टाँगो में बीच में से निकलना, कब्बड्डी खेलते समय एक दूसरे पर गिरना etc. यही दो कारण है महिलाओं का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ना होने के।
RSS को समझना है तो इस वीडियो को जरूर देखें !
6. आरएसएस की क्लास शाखा के रूप में लगती है। सुबह लगने वाली शाखा को ‘प्रभात शाखा‘ कहते है। शाम को लगने वाली शाखा को ‘सायं शाखा‘ कहते है। सप्ताह में एक या दो बार लगने वाली शाखा को ‘मिलन शाखा‘ कहते है। महीने में एक या दो बार लगने वाली शाखा को ‘संघ मंडली‘ कहते है।
7. आरएसएस की शाखाओं में शाखा के अंत में एक प्रार्थना गाई जाती है नमस्ते सदा वत्सले… यह संघ की स्थापना के 15 साल बाद गाई जाने लगी। इससे पहले एक श्लोक मराठी और एक श्लोक हिंदी में गाया जाता था।
8. RSS देश के लिए काम करता रहा है लेकिन इस पर आरोप भी लगते रहे है। आरएसएस ने 1962 में भारत-चीन के युद्ध में सरकार का पूरा साथ दिया था। इसी से खुश होकर नेहरू ने 1963 की गणतंत्र दिवस प्रेड में RSS को शामिल होने का न्योता दिया था। RSS, बाढ़ और प्राकृतिक आपदा आदि में भी देश-विदेश के लिए काम करता रहा है।
9. RSS के सदस्य किसी भी पद पर चले जाए, ज्यादातर काम खुद ही करते है जैसे: कपड़े धोना, भोजन बनाना आदि। और अपने से बड़े पदाधिकारी के प्रति बहुत ही आज्ञाकारी होते है।
10. RSS के प्रचारक को संघ के लिए काम करते समय तक अविवाहित रहना होता है। और दूसरे होते है संघ के विस्तारक, जो गृहस्थ जीवन में रहकर ही संघ से किशोरों को जोड़ने का काम करते है।
11. संघ का प्रचारक बनने के लिए किसी भी स्वयंसेवक को 3 साल तक OTC यानि ऑफिसर ट्रेनिंग कैंप में भाग लेना होता है। और शाखा प्रमुख बनने के लिए 7 से 15 दिन तक ITC यानि इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग कैंप में भाग लेना होता है।
12. ऐसा नही है कि RSS में सिर्फ हिंदू ही है, आपकी जानकारी के लिए बता दे कि RSS में मुस्लिम भी है। सन् 2002 से RSS एक ‘Muslim Rashtriya Manch’ नाम की विंग चलाती है। जिसमें लगभग 10,000 मुस्लिम है।
13. BJP के बड़े नेता जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नरेंद्र मोदी संघ के प्रचारक रह चुके है।
14. RSS का अपना अलग झंडा है, भगवा रंग का। सभी शाखाओं में यही झंडा फहराया जाता है। आरएसएस किसी आदमी को नही बल्कि भगवा ध्वज को ही अपना गुरू मानती है।
15. आरएसएस की ड्रेस में काली टोपी, सफेद शर्ट, कपड़े की बेल्ट, खाकी निक्कर, चमड़े के जूते है। अब खाकी निकर की जगह पूरी पैंट कर दी गई है।
16. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सिर्फ भारत में ही नही बल्कि दुनिया के 40 देशो में है। विदेश में संघ की पहली शाखा मोंबासा, केन्या में लगी थी।
Author: Viral Bharat
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