April 28, 2024 2:36 pm

कांग्रेस राज में हुए बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला में हिमाचल में 7 अधिकारी CBI रडार पर,जयराम सरकार ने सत्ता में आकर CBI जाँच का फैसला लिया था

जयराम सरकार की ईमानदारी पर अगर कोई सवाल उठाये तो उससे बड़ा बेवकूफ इंसान कोई हो ही नहीं सकता। कांग्रेस के समय हुए बहुत बड़े छात्रवृति घोटाले पर जयराम सरकार ने सत्ता में आते ही कदम उठाना शुरू कर दिया था ताकि घोटालेबाज पकड़े जाए। सीबीआई को जांच सौंपने के बाद आज सचाई धीरे धीरे सामने आ रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ईमानदार छवि किसी घोटालेबाज को नहीं छोड़ेगी।

छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ एक अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) से पूछताछ कर सकती है। इसके अतिरिक्त सचिवालय में सेवारत छोटे स्तर के सात अधिकारी भी सीबीआइ जांच के दायरे में आ सकते हैं। एसीएस व ये सात अधिकारी सीबीआइ की रडार पर हैं। जांच एजेंसी इन्हें किसी भी समय पूछताछ के लिए बुला सकती है।

सचिवालय के निचले स्तर के अधिकारियों के निकट रिश्तेदारों के बैंक खातों में पैसा जमा होने की आशंका है।एसीएस छात्रवृत्ति घोटाले के समय तकनीकी शिक्षा विभाग से संबंधित रहे हैं। हो सकता है कि उनसे पहले के आइएएस अधिकारियों से भी सीबीआइ पूछताछ करे। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि उनकी इस मामले में संलिप्तता हो। लेकिन छात्रवृत्ति घोटाले के शिक्षा व तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े होने के कारण उनसे पूछताछ संभव है।

सीबीआइ ने हाल ही में छात्रवृत्ति घोटाले में ऊना जिला के अम्ब में शिक्षण संस्थानों का रिकॉर्ड कब्जे में लिया था। इसके अलावा छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल रहे दो बैंकों के पांच अधिकारियों से करीब छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। इस मामले की जांच के लिए गठित सीबीआइ की टीमें चंडीगढ़ सहित प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में छानबीन कर रही हैं।

हिमाचल में छात्रवृत्ति घोटाला वर्ष 2013 से 2017 के बीच का है। करीब 250 करोड़ रुपये के इस घोटाले में विद्यार्थियों को मिलने वाले छात्रवृत्ति में गड़बड़ी हुई थी। इस अविध के दौरान स्कूलों व कॉलेजों के विद्यार्थियों और आइटीआइ के प्रशिक्षुओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली थी। उनके नाम से पैसा कहीं दूसरी जगह निकलता रहा था।

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Author: Viral Bharat

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