आज कुछ समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया चैनलों पर HRTC चालक भर्ती बारे सवाल उठाए गए हैं, जो जानकारी के अभाव में गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं।आखिर मीडिया कब अपनी जिमेवारी समझेगी ? क्या झूठ परोसने वाली ऐसी मीडिया के खिलाफ सरकार को करवाई नहीं करनी चाहिए ? HRTC चालक भर्ती में पारदर्शिता बरतने के लिए निगम प्रबन्धन को सख्त निर्देश दिए गए थे जिसके तहत प्रारम्भिक परीक्षा से लेकर पल- पल को कैमरे में कैद करना भी शामिल था।
सरकार इस भर्ती की सम्पूर्ण प्रक्रिया को किसी भी सन्देह को दूर करने के लिए सार्वजनिक करने को तैयार है, कोई भी पीड़ित अथवा शिकायतकर्ता इस सारी प्रक्रिया को देख सकता है। चयन प्रक्रिया में यदि कहीं भी किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही या गलती सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्यवाही अमल में लाएगी।
जिन दो अभ्यर्थियों की नियुक्ति की चर्चा की जा रही है वो पूरी चयन प्रक्रिया के तहत ही चुने गए है, जिस सूची को इस झूठी खबर का आधार बनाया गया है वह आदर्श चुनाव आचार संहिता से पूर्व मुख्य परीक्षा के लिए उतीर्ण हुए 1379 अभ्यर्थीयों की है।
आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान प्रारंभिक परीक्षा रोक दी गई थी तथा मण्डल स्तर पर यह परीक्षा चुनावों के बाद पुनः शुरू की गई थी जिसमें 500 के करीब अभ्यर्थी उतीर्ण हुए तथा इन्हें परीक्षा के दिन ही मुख्य परीक्षा की तिथि बता दी जाती थी जिसे HRTC की वेबसाईट में अपडेट नहीं किया गया और ये दो अभ्यर्थी भी इन्हीं में से चुने गए हैं।
प्रदेश की जयराम सरकार हमेशा पारदर्शी एवं निष्पक्ष निर्णय लेती आई है और HRTC चालक नियुक्ति परीक्षा इसका अपवाद नहीं है।आखिर ये मीडिया वाले किस आधार पर जयराम सरकार को बदनाम करने में लगे हैं ये चर्चा का विषय है। इसकी जाँच होना जरूरी है की किस आधार पर मीडिया ने इस झूठी खबर को चलाकर जयराम सरकार को बदनाम करने की कोशिश की है।
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com