कांग्रेस झूठ की पोल आखिर खुल ही गयी। सचिवालय में गैर हिमाचली किस तरह से नौकरी लेकर आये हैं उसका सच आज हम आपके सामने रख रहे हैं। कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की थी इसकी वजह ये थी की ये कांग्रेस के ही कर्मो का नतीजा है। लेकिन इस मुद्दे पर हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष ने बिना सचाई जाने १ साल ८ महीने पहले सत्ता में आई भाजपा सरकार पर हमला किया। पर आज ये सचाई जानकार आप भी बोलने से पीछे नहीं रहोगे की ये कांग्रेस बहुत ही बड़ी दौगली पार्टी है।
हिमाचल सचिवालय में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस व्यर्थ में ही हो-हल्ला मचा रही है। बता दें कि 2015 में राजयपाल ने संविधान के अनुछेद 309 के परंन्तुक द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के परामर्श से प्रदेश क्रार्मिक विभाग ( सचिवालय प्रशासन सेवाएं) में लिपिक वर्ग के पद के लिए भर्ती और पदोन्नति के नियम बनाए थे। इन नियमों के अनुसारर भारत का कोई भी नागरिक इन पदों के लिए आवेदन कर सकता है। 14 नंबर कॉलम में दर्शाया गया है कि इन पदों पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य होना चाहिए।
जिस समय ये निमम बने थे उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय कांग्रेस कोई विरोध नहीं किया था। लेकिन अब बीजेपी कार्यकाल में जब बाहरी राज्यों से सचिवालय में नियुक्तियां कि गईं तो कांग्रेस इस पर राजनीति कर रही है।कांग्रेस ने अगर उस समय विरोध किया होता तो शायद आज ये नियम नहीं बनता लेकिन कांग्रेस सरकार उस समय मौन रही पर आज यही दोगली कांग्रेस इस पर राजनीती कर रही है। जबकि अभी की जयराम सरकार इस मुद्दे पर राजनीती ना करते हुए इन नियमो में फेर बदल करने के तरिके तलाश रही है ताकि हिमाचल के लोगो को ही रोजगार मिले।
अभी बाहरी राज्यों के जो उमीदवार चुने गए है वो परीक्षा में टॉप करके आये है। अब कांग्रेस किस आधार पर इनका विरोध कर रही है ? आखिर जब ये नियम बदले गए थे तब यही कांग्रेस मौन क्यों थी।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय में हाल ही में 155 पदों की भर्ती हुई है, जिसमें 16 पद बाहरी राज्यों बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से संबंध रखने वाले अभ्यर्थीयों के हैं। जिनकी नियुक्ति पर प्रदेश कांग्रेस ने कड़ा का विरोध जताया है।
Author: Viral Bharat
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