सरकार की सहायता किसानों की मेहनत और कृषि विभाग के सहयोग एवं परामर्श से सभी प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग से आज बड़ा भंगाल के लोगों ने अपनी किस्मत को बदल लिया है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि आखिर ये सब कैसे हुआ तो इसके बारे में हम आपको बता रहे हैं जिसे देखकर आप भी जयराम सरकार और बड़ा भंगाल के लोगों की तारीफ किये बिना नहीं रह पाओगे।
हमेशा से हर सरकार में अनदेखी का शिकार रहने वाला बड़ा भंगाल आज की तारीख में नई इमारत लिख चूका है। बैजनाथ उपमंडल के छोटा व बड़ा भंगाल के किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर बेमौसमी सब्जियां उगाकर अपनी आय को सैकड़ों गुना बढ़ा लिया है। छोटे से क्षेत्र में 7 हजार टन बेमौसमी सब्जियां उगाकर किसान लगभग 11 करोड़ की आय अर्जित कर रहे हैं। प्रदेश के कृषि विभाग ने यहां के किसानों को परंपरागत फसलों से नकदी फसलों और बेमौसमी सब्जी उत्पादन की ओर प्रेरित किया। छोटा भंगाल क्षेत्र में लगभग 2700 हेक्टेयर भूमि ही कृषि योग्य है।
सरकार की सहायता किसानों की मेहनत और कृषि विभाग के सहयोग एवं परामर्श से सभी प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग से यहां बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बेहतरीन कार्य हुआ है। परंपरागत खेतीबाड़ी से 4 से 5 हजार रुपये प्रति कनाल कमाने वाले यहां के किसान बेमौसमी सब्जी का उत्पादन कर 25 हजार रुपये प्रति कनाल तक कमा रहे हैं। यहां के प्रगतिशील किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि का भी प्रशिक्षण दिया गया है। कोठी-कोहड़ के रूप लाल और बड़ाग्रां के जसवंत सिंह तथा रूप लाल यहां के लोगों को प्राकृतिक खेती के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।
यहां लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र में बंद गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मूली और धनिया का उत्पादन हो रहा है। छोटे से क्षेत्र मे लगभग 7000 टन बेमौसमी सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, जिससे किसानों को लगभग 11 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हो रही है। किसानों को अपने उत्पादनों को बेचने के लिए भटकना न पड़े इसके लिए जयराम सरकार ने मुलतान में ही सब्जी मंडी स्थापित की है। इसके अतिरिक्त किसान अपने उत्पाद सीधे प्रदेश के अन्य भागों के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली आदि क्षेत्रों में अच्छे भाव पर बेच रहे हैं।
जिला कांगड़ा कृषि अधिकारी कुलदीप धीमान ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा यहां नाबार्ड की सहायता से 2 करोड़ से एकीकृत जलागम परियोजना के तहत ग्राम पंचायत कोठी कोहड़, बड़ाग्रां, घरमान, मुल्थान और लुआई इत्यादि में स्प्रींकलर सिंचाई सुविधा आरंभ की गई है। जिससे यहां के किसानों को सिंचाई आदि की सुविधा उपलब्ध होने से सब्जी उत्पादन में अच्छी वृद्धि हुई है। इसके अलावा किसानों को उन्नत शंकर किस्म के बीज अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
विषयवाद विशेषज्ञ बैजनाथ सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि छोटा व बड़ा भंगाल के किसानों को बंद एवं फूल गोभी की पनीरी उगाने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान दिया गया है। इसके अलावा आतमा परियोजना के तहत महिलाओं को भी सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है और महिलाओं के कृषक समूह बनाकर यहां की महिलाओं को भी आत्म निर्भर बनाया जा रहा है।
Author: Viral Bharat
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