बहुचर्चित छात्रवृति घोटाले पर अगर CM जयराम ठाकुर कड़ा रुख नहीं दिखाते और सीबीआई जाँच के आदेश नहीं देते तो इस घोटाले की सचाई कभी सामने नहीं आती। पूर्व की सरकारें इस बड़े घोटाले पर मौन रही किसी ने कोशिश नहीं की सचाई सामने लाने की पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ईमानदार छवि की वजह से आज इस बड़े घोटाले की जांच अपने स्तर पर आगे पहुँच चुकी है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सख्त रुख की वजह से घोटालेबाजों में हड़कंप मचा हुआ है।
आपकी जानकरी के लिए हम बता दें की ढाई सौ करोड़ से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले की सीबीआई जांच में अब शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षा विभाग के खेल की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। छापा मारने के बाद सीज किए गए दस्तावेजों की पड़ताल में कई नए तथ्य सामने आने लगे हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि एडमिशन के समय छात्र-छात्राओं ने छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र में जिन बैंक खातों का ब्योरा दिया था, उनकी बजाय दूसरे बैंक खातों में उनके हिस्से की छात्रवृत्ति की राशि डाल दी गई।
यही नहीं, उन्हें किसी दूसरे संस्थान का छात्र भी दिखाया गया। एक मामले में एक छात्रा की 77 हजार की छात्रवृत्ति किसी दूसरे के खाते में जारी हुई। खास बात यह है कि जिस खाते में पैसा गया, उस खाताधारक के नाम से आवेदन तक नहीं हुआ था। सिरमौर की इस छात्रा के अलावा कई अन्य छात्र-छात्राओं की भी कुछ इसी तरह की जानकारी सामने आई है।
खास बात यह है कि इस बात की जानकारी जब छात्रा को हुई तो उसने शिकायत की, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब सीबीआई ऐसी सभी शिकायतों को भी जांच में शामिल कर रही है। इनके आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। साल 2013 से 2017 तक की छात्रवृत्तियां सीबीआई जांच के रडार पर हैं। चूंकि, ढाई लाख से ज्यादा बच्चों को छात्रवृत्ति आवंटित हुई है। ऐसे में उनसे जुड़े दस्तावेजों की छंटनी करने में समय लग रहा है। इसकी वजह से जांच तेजी से नहीं चल पा रही है।
हिमाचल प्रदेश की पूर्व की सरकार ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया उस घोटाले की जाँच ना करवाकर। पर जयराम सरकार सारे आरोपियों को जेल में पहुँचा कर ही दम लेगी ये तो तय है। सीबीआई जाँच काफी तेज़ी से आगे बढ़ रही है जल्द ही सारे आरोपी पकड़ में होंगे।
Author: Viral Bharat
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