May 7, 2024 1:31 pm

तीन मंत्रियों ने परंपरा से अलग ली पद और गोपनीयता की शपथ, संविधान विशेषज्ञों ने जताई हैरानी तो क्या केजरीवाल के मंत्री संबिधान को नहीं मानते ?

आज अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उनके अलावा 6 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. लेकिन केजरीवाल के मंत्रियों के शपथ में किए गए बदलाव को लेकर विवाद हो गया है. संविधान के जानकारों का कहना है कि शपथ में बदलाव करना गलत है. ऐसा करने से शपथ ग्रहण की विधि पूरी नहीं मानी जाएगी.

तीन मंत्रियों- गोपाल राय, इमरान हुसैन और राजेंद्र पाल गौतम ने अलग तरीके से शपथ ली. पिछली सरकार में खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने ‘अल्लाह’ के नाम पर शपथ ली. इसके अलावा पिछली सरकार में जल और पर्यटन मंत्री रहे राजेन्द्र पाल गौतम ने ‘तथागत बुद्ध’ के नाम पर शपथ ली.

संविधान के जानकारों के मुताबिक कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री शपथ में बदलाव नहीं कर सकते हैं. संविधान में शपथ की विधि पहले से तय और इसमें ना तो कोई बात जोड़ी जा सकती है और ना ही काटी जा सकती है. संविधान के विशेषज्ञ एस के शर्मा के मुताबिक “संविधान के हिसाब से वह शब्दावली दी गई है जिसके अनुसार एक मंत्री को शपथ लेनी है और जिसके अनुसार एक विधायक को शपथ लेनी है. शपथ भारत के संविधान की लेनी होती है. इसके बारे में साफ तौर पर लिखा गया है. जिसमें लिखा गया है कि परमात्मा के नाम से कसम खाता हूं या वह चाहे तो यह कह सकते हैं कि वह सच्ची निष्ठा के साथ प्रतिज्ञा करते हैं… इसके अलावा बाकी भाषा वही रहेगी. इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता. यही बात विधि के अनुसार सही है.”

दिल्ली विधानसभा के सचिव और संविधान विशेषज्ञ एस के शर्मा के मुताबिक शपथ के बारे में पहले से संविधान में जिक्र है. वही दिल्ली में उपराज्यपाल कैसे शपथ दिलाएंगे और उसकी भाषा क्या होगी यह भी पहले से तय है. ऐसे में कोई भी बदलाव माना नहीं जाएगा. उनका कहना है कि कोई बदलाव होता है तो शपथ की विधि पूरी नहीं मानी जाएगी. एसके शर्मा ऐसी पुरानी घटनाओं का भी उल्लेख करते हैं जहां पर राज्यों में मंत्रियों द्वारा शपथ लेते समय बदलाव पर उन्हें दोबारा शपथ दिलाई गई है.

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Author: Viral Bharat

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