नौकरी की चिंता में दुबले हो रहे हिमाचली युवाओं को ‘सबल भारत’ नया उत्साह और जोश देने के लिए तैयार है। प्रतिभाशाली हिमाचली युवाओं को अब नौकरी के लिए दर-दर फिरने की जरूरत नही.
कॉलेजिस में पढ़ रहे मेधावी युवाओं के लिए नौकरियों की बहार इंतजार कर रही है। कुल 25 हजार नौकरियों का गोल्डन चांस मेधावी युवाओं की राह तक रहा है। हिमाचल प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने इस गोल्डन चांस को लपक लिया है। ‘सबल भारत’ पोर्टल के माध्यम से कॉलेज में पढ़ रहे युवाओं की प्लेसमेंट की जाएगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रोजगार सृजन पर खास तौर से फोकस कर रहे हैं। सरकारी मशीनरी उच्च स्तर पर रोजगार सृजन के उपाय तलाश रही है। इसी के तहत ये प्लान तैयार हुआ है। दरअसल, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को साइंस स्नातक व नर्सिंग सेक्टर के लिए मेधावी युवाओं की जरूरत है। केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंसी ‘सबल भारत’ इस दिशा में काम कर रही है।
‘सबल भारत’ का संपर्क कई मल्टीनेशनल कंपनियों से है। इन कंपनियों में टाटा समूह की कंपनियां, रिलांयस, वाईबी टैक, आस्ट्रेलियन माइनिंग एसोसिएशन, जेवीपैक्ट, बिग बाजार, होलीडे इन और हिंदुस्तान जिंक आदि से एमओयू होगा। ‘सबल भारत’ पोर्टल के जरिए कॉलेजिस में पढ़ रहे युवाओं का चयन कर उन्हें सीधे प्लेसमेंट दी जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से हिमाचल सरकार का उच्च शिक्षा विभाग भी ‘सबल भारत’ का हिस्सेदार बना है। उपरोक्त कंपनियों को कम से कम 57 हजार युवाओं की जरूरत है।
हिमाचल को ‘सबल भारत’ का हिस्सा बनने से 25 हजार नौकरियां मिलेंगी। हिमाचल के युवा रोबोटिक आइटम तैयार करने वाली सरफेस माउंटिंग टेक्नालॉजी और मार्केटिंग सेक्टर की जरूरतों को पूरा करेंगे। इसके अलावा देश और विदेश में नर्सिंग सेक्टर में भी रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। नर्सिंग में रुझान रखने वाली युवतियों के लिए भी इसके तहत बेहतरीन मौका है। राज्य सरकार नर्सिंग सेक्टर की जरूरत को स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी।
Author: Viral Bharat
From the desk of talentd writers of ViralBharat.Com